धान का कटोरा कहे जाने वाले चन्दौली में डीएपी खाद की जबरदस्त कालाबाजारी शुरू हो गई है। कृषि विभाग के दावे के बावजूद 1200 की डीएपी 1400 में बिक रही है।
डीएपी खाद, सांकेतिक तस्वीर |
● यूपी में अखिलेश यादव सत्ता में आ रहे, यह कहनें वाले भी किसानों की समस्यायों पर क्यूं खामोश हैं : मजदूर किसान मंच
चन्दौली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसानों के खेतों के लिए खाद तक उपलब्ध कराने में योगी सरकार विफल हैं। यह कोई झूठ नहीं है, साफ आईने की तरह है।
धान का कटोरा कहे जाने वाले चन्दौली में डीएपी की जबरदस्त किल्लत हैं। खाद की जबरदस्त कालाबाजारी शुरू हो गई है। कृषि विभाग के दावे के बावजूद 1200 की डीएपी खाद फुटकर दुकानों पर 1400 रूपये में मिल रही है।
सच तो यह है कि चन्दौली के भाजपा के मंत्री का यह दावा था कि सरेसर रैक आ जाने से चन्दौली के किसानों को खाद की समस्या हल हो जायेगा। ये दावे भी हवा हवाई साबित हुआ। आज भी वहां खाद नहीं उतरती है।
खाद वाराणासी के शिवपुर से लाना पड़ता हैं। करीब चकिया के कृभको से लेकर जनपद के सभी सहकारी समितियों पर खाद नहीं है। किसान खाद के लिए हलकान हैं। उतरौत सहकारी समिति किराये पर देने के नाम पर बंद कर दिया गया हैं। भाजपा सरकार के राज में किसान की किसानी - खेती तवाह हो रहीं हैं।
दूसरी ओर जो लोग कह रहे हैं कि अखिलेश सत्ता में आ रहें हैं, वे भी किसानों के सवाल पर चुप्पी है। सरेसर जाकर हमने देखा तो पाया कि कोयला से लेकर कई चीज़ उतरती हैं लेकिन जिसके लिए मंत्री महोदय ने 20 लाख रूपये दिए, वह खाद ही नहीं उतरती है।
एक - दो बार उतरी भी तो अभी भी खाद उतारने वाले कई मजदूरों का पैसा बकाया हैं, इसके लिए सरकार दोषी हैं या जनप्रतिनिधि। लेकिन यह सत्य हैं कि योगी सरकार किसानों के सवालों को अनदेखी कर रहीं हैं।
यही नहीं वर्ष 2022 के चुनाव में उतरने वाले विपक्ष के लिए भी चन्दौली में किसानों के सवालों पर कोई गम्भीरता नहीं दिख रहा है।