लापरवाही की हद: बन्द रहा किसान भवन, इंतजार कर वापस चले गए किसान

लापरवाही की हद: बन्द रहा किसान भवन, इंतजार कर वापस चले गए किसान

प्रशासनिक रोक-टोक व कार्यालयों की जांच न होने से इन दिनों कर्मी से लगायत अधिकारी तक कार्य के प्रति लापरवाह हो गए है। 

बन्द पड़ा किसान भवन, फोटो-pnp

चुनाव सम्पनता के बाद मनमर्जी की तरह चल रहा कृषि कार्यालय, अधिकारी से लगायत कर्मी तक का नही था पता

बक्सर, चौसा। प्रशासनिक रोक-टोक व कार्यालयों की जांच न होने से इन दिनों कर्मी से लगायत अधिकारी तक कार्य के प्रति लापरवाह हो गए है। कर्मी-अधिकारी तक न आना ही नही, यह तो कार्यालय संचालन के समय में ही ताला लटकता रहा।

 ये हाल चौसा ई-किसान भवन में चलने वाला कृषि कार्यालय में बुधवार को पूरे दिन ताला लटकता रहा। पूरे दिन में सुदूरवर्ती गांव से लगायत आसपास गांव के किसान कृषि कार्यालय पहुंचे, लेकिन ताला लटकते रहते देख बैरंग गांव को वापस लौट गए।

नवागांव से पहुंचे कमलेश्वर दुबे ने बताया कि वह किसान कार्ड के ये आन लाइन आवेदन किये हुए है। उसकी जानकारी के लिए सुबह दस बजे से कृषि कार्यालय आये हुए है। लगभग एक बजने को है, कई बार कार्यालय का चक्कर लगाया लेकिन, अभी तक न कोई कर्मचारी मिले न ही अधिकारी का पता रहा। अब वापस घर जा रहे है। वही जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह कोचाढ़ी गांव के किसान सुरेश चौहान भी किसी काम के लिए कृषि कार्यालय आये थे।

 लेकिन, किसी के न मिलने से वे काफी नाराज थे, उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मी ही सरकार व प्रशासन को बदनाम कर रहे है। इनकी शिकायत की जाएगी। वही कनक नारायणपुर के जितेंद्र कुशवाहा भी किसी कार्य से पहुंचे थे। जो कर्मियों को कोसते हुए वापस चले गए। इस तरह विभिन्न क्षेत्रों से आये कई दर्जन किसान कार्यालय में तांक-झांक किया। कार्यालय न खुलने से वापस चले गए। 

इधर जानकारी मिली कि जिले में बैठक होने से कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार मांझी बैठक में भाग लेने गए है। लेकिन, कर्मी नदारद रहे इसकी जानकारी न हो सकी।गौरतलब हो कि, पंचायत चुनाव की सम्पनता के बाद से ही कई कार्यलयों से कर्मी व पदाधिकारी गायब रह रहे है। इस तरह इनदिनों इनके मनमर्जी के तहत ही कार्यालय चल रहे है।