रश्मि प्रसाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सुशील कुमार श्रीवास्तव नियुक्त हुए एसडीजीएम

रश्मि प्रसाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सुशील कुमार श्रीवास्तव नियुक्त हुए एसडीजीएम

 पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर कैमूर न्यायालय में बड़े पैमाने पर पदोन्नति करके जजों को नियुक्त किया गया।

रश्मि प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी भभुआ ।फोटो-pnp

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह की मांग पर पटना उच्च न्यायालय ने उठाया कदम

अधिवक्ताओं  एवं जनता को जनसुनवाई में अब मिलेगी राहत 

कैमूर, भभुआ। पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर कैमूर न्यायालय में बड़े पैमाने पर पदोन्नति करके जजों को नियुक्त किया गया है। कैमूर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने पटना उच्च न्यायालय से तीन जजों ने जांच के क्रम में विधिक समस्त न्यायालय में कार्रवाई नहीं होने के कारण पदों को खाली अभाव को मजबूती रूप से रखा था।

 जिस आलोक में पटना उच्च न्यायालय ने पत्रांक संख्या- 365 दिनांक- 23 दिसंबर 2021 को आदेश जारी करते हुए उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश 27 दिसंबर 2021 को भभुआ न्यायालय में सीजेंएम 6 न्यायधीश रश्मि प्रसाद को भभुआ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पद पर नियुक्त किया है वही न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतिक आनंद द्विवेदी को किशोर न्यायालय का प्रधान  एवं सुशील कुमार श्रीवास्तव प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी औरंगाबाद से भभुआ एसडीजीएम के पद पर नियुक्त किया गया है।

सुशील कुमार श्रीवास्तव अनुमंडल मुख्य दंडाधिकारी भभुआ। फोटो-pnp

उसी प्रकार समीम रजा के जगह पर प्रतीक आनंद द्विवेदी को एसीजेएम 4 नियुक्त किया गया है। सीजेंएम के पद पर कार्यरत सुरेंद्र कुमार मिश्रा को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 12 के पद पर नियुक्त किया गया था। सीजीएम का पद 15 अप्रैल से पद खाली था, मात्र प्रभार पर कार्य चल रहा था उसी प्रकार एसडीजेएम विभा द्विवेदी को एसीजेएम 3 पद पर नियुक्त कर दिए जाने से 17 दिसंबर से पद खाली था।

प्रतीक आनंद द्विवेदी, प्रधान न्यायाधीश किशोर न्यायालय भभुआ। फोटो-pnp

उसी प्रकार मुंसिफ कोर्ट, एसीजीएम प्रथम एवं परिवार न्यायालय के प्रधान मजिस्ट्रेट का पद खाली है। ज्ञात हो कि बड़ा दिन होने के कारण न्यायालय दिनांक 3 जनवरी 2022 को खुलेगा। पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर पदोन्नति पाएं हुए जजों को शपथ पत्र दिलवाया जाएगा। 

कैमूर अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव मंटू पांडे ने प्रेस को बताया कि न्यायालय में पद खाली होने के कारण बड़े पैमाने पर जन सुनवाई नहीं होने कारण बाधित होता था। अब पटना उच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों को पदोन्नति दे कर पद भरने का कार्य किया है। अब अधिवक्ताओं को एवं जनता को जनसुनवाई में राहत मिलेगी।