हर कोई व्यक्ति जान सकता है कि उसका कौन सा ग्रह खराब है, लाल किताब में उसके उपाय भी दिए गए हैं।
लाल किताब में व्यक्ति के जीवन में आने वाले ऐसे लक्षणों का वर्णन किया गया है, जिनके आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कौन सा ग्रह अशुभ फलदायक दे रहा व मंदा भी है। ऐसे ही कतिपय लक्षण यहां ग्रह के अनुसार उल्लेखित किये गए हैं। इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आप स्वतः जान सकते हैं कि आपके लिए कौन सा ग्रह अशुभ फल दे रहा है। इसे शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें:
सूर्य ग्रह की अशुभता के लक्षण
लाल किताब के अनुसार लाल गाय या भूरी भैंस का मर जाना, या घर से गुम हो जाना। शरीर के अंग शिथिल होने लगे। मुंह में थूक अधिक है, तो यह सूर्य ग्रह के निर्बल होने की निशानी होती है।
उपाय : यदि सूर्य ग्रह अशुभ हो तो मुंह में मीठा डालकर पानी के घूंट पीकर काम शुरू करना शुभ फलदायक होता है।
चंद्रमा ग्रह के अशुभता के लक्षण
घर में दूध वाले जानवर मर जाए, घोड़े की मौत हो जाए। कुएं या तालाब सूख जाए। स्पर्श करने की शक्ति कम हो जाए तो चंद्रमा को मंदा समझाना चाहिए।
उपाय: चंद्रमा अशुभ हो तो श्रेष्ठ के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेना मददगार होगा। परिवार में महिलाओं को सम्मान करने से लाभ पहुंचता है।
मंगल ग्रह की अशुभता के लक्षण
यदि संतान पैदा हो जाए, आंख में चोट लगे। किसी भी बात में खून खराबा हो तो। मंगल ग्रह की अशुभता मानीं जाती है।
उपाय: यदि मंगल अशुभ हो तो सफेद सुरमा का इस्तेमाल करना मंगल के कुप्रभाव को कम करेगा।
बुध ग्रह की असुविधा के लक्षण
दांत खराब हो, गंध सूंघने की क्षमता कम हो जाए। तो बुध ग्रह के मंद होने की निशानी है।
उपाय: बुध ग्रह को ठीक करने के लिए अथवा इसके कुप्रभाव को कम करने के लिए दांत साफ रखना होगा। नाक भी छेदा कर सकते हैं।
गुरु ग्रह की अशुभता के लक्षण
सिर पर चोटी की जगह के बाल किसी बीमारी की वजह से उड़ जाए। गले में माला पहने की आदत बन जाए। सोना खो जाए। झूठी बदनामी प्रधान हो तो गुरु की निर्बल होने का संकेत समझाना चाहिए।
उपाय: गुरु अशुभ हो तो माथे पगड़ी पर जर्द तिलक लगाना। नाक साफ रखने के काम शुरू करना मददगार होगा। बचपन की उम्र में जिस दिन से नाक का पानी खुद ब खुद खुश्क हो जाएगा। समझें गुरु ग्रह ठीक हो गए।
शुक्र ग्रह की अशुभता के लक्षण
अंगूठा निष्क्रिय हो जाए। चर्म रोग हो। तो शुक्र को मंदा समझना चाहिए। पत्नी बार बार नाराज हो।
उपाय: कपड़ा साफ व स्वच्छ पहने तो शुक्र का प्रभाव कम हो जाएगा। फिटकरी से मुंह दांत साफ करें।
शनि ग्रह के अशुभता के लक्षण
मकान गिर जाए,भैंस पशु मर जाए। आग लगे। जिस्म पर से बाल बिना बीमारी के झड़ जाए। जिससे शनि ग्रह तो अशुभ होता है।
उपाय: छत व दीवार पर घोड़े की नाल ठोकना, पीपल पेड़ में जल देना। सरसों तेल का दीपक जलाना।
राहु ग्रह की अशुभता के लक्षण
ऐसे में कुत्ते की मौत हो जाए या गुम हो जाए। हाथ के नाखून झड़ जाए। बिना किसी बात के डर उत्पन्न होने लगे तो राहु को खराब मनाना चाहिए।
उपाय: यदि राहु अशुभ हो तो तो संयुक्त परिवार में रहना। ससुराल से ताल्लुकात सामान्य बनाना। सिर पर चोटी रखना राहु के प्रभाव को कम करेगा।
केतु ग्रह की अशुभता के लक्षण
हाथ के नाखून छोड़ जाना, मां को जोड़ों के दर्द से पीड़ा हो ।संतान पक्ष से पीड़ा हो। तो केतु को मंदा होता है।
उपाय: यदि केतु अशुभ हो तो कान छिदवाने से केतू का मंदा प्रभाव कम हो जाता है।
पंडित धर्मेन्द्र दीक्षित |
(यह रिपोर्ट फेमस व चर्चित किताबों के अध्ययन व प्रकांड ज्योतिषीय विद्वानों से बातचीत पर आधारित है। यह लेख किसी तरह के दावा का समर्थन नहीं करता है। यह मात्र एक साधारण जानकारी है, जो आप को दी गई है)