किसान से एक बोरे में 41 किलो 700 ग्राम ही तौल लेना है.एक क्विंटल की तौल पर क्रय केंद्र एक किलो धान की राशि गटक जा रहे है. क्रय केंद्र संचालक 165 रुपये बिना मेहनत के गटक रहे हैं|
● नियमों के जंजाल में पिस रहे किसान, मालामाल हो रहे बिचौलिये,,टोकन है फिर भी नहीं खरीदा जा रहा धान
चंदौली धान के कटोरा के रूप में विख्यात और केंद्रीय भारी उद्योग् मंत्री महेंद्र पाण्डंय के संसदीय क्षेत्र के बरहनी ब्लाक के डेढ़गावां,नूरी, कम्हरिया, असना, अदसड गांव में खुले सरकारी धान क्रय केंद्र का हाल बेहाल है. कारण पीसीयू धान क्रय केंद्र सरकारी रेट (1940 रुपये प्रति क्विंटल की ) दर से कम दाम 1775 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदारी किसानों से कर रही है. यानि 165 रुपये प्रति क्विंटल के मुनाफा में क्रय कंद्र के संचालक से लेकर विभागीय अधिकारी तक को कमीशन बधा है.
इसके अलावा भी किसानों से एक बोरे में 42 किलो 200 ग्राम की तौल किया जा रहा है. जबकि सरकारी मानक के अनुसार किसान से एक बोरे में 41 किलो 700 ग्राम ही तौल लेना है. यानि बोरे में भी एक क्विंटल की तौल पर क्रय केंद्र एक किलो धान की राशि गटक जा रहे है. किसानों की माने तो क्रय केंद्र संचालक जो 165 रुपये बिना मेहनत के गटक रहे हैं उसमें नमी, पलदारी और खार पतवार शामिल है.
टोकन है फिर भी नहीं खरीदा जा रहा धान
हालांकि शुरुआती दौर में धान की खरीदारी रजिस्ट्रेशन के आधार पर आफलाइन किसानों से की गयी. मगर नियमों के जंलाल में जनवरी में जब आनलाइन टोकन प्रक्रिया लागू की गयी तब से किसानों को धान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.अन्नदाता धान बेचने को लेकर परेशान है. मगर शासन-प्रशासन को इससे कोई फार्क पडने वाला नहीं है.
अब बोरे की कमी का रोना रो रहे क्रय केंद्र
डेढगांवा समेत अन्य क्रय केंद्रों पर अब बोरे की कमी का रोना रोकर क्रय केंद्र संचालक धान नहीं कस रहे है. वही धान क्रय केंद्रों से उठाव नहीं होने और बोरे की कमी से कई क्रय केंद्रों पर ताला लटकने लगा है. कई क्रय केंद्रों पर बोरा नहीं होने से धान की खरीद बंद है.
क्रय केंद्र खुलने से व्यापारी भी अब नहीं ले रहे धान
डेढगांवा गांव में सरकारी धान क्रय केंद्र खुलने से व्यापारी भी अब किसानों का धान लेने से हाथ खड़ा कर दिये है. लिहाजा किसानों का धान खलिहान में ही पडा है़. डेढगांवा के किसान उपेन्द्र सिंह, रामइकबाल सिंह, नीरज सिंह, जितेन्द्र सिंह, बिजेन्द्र सिंह डॉक्टर, वीरेंद्र सिंह ने कहा कि एक माह से क्रय केंद्र का चक्कर काट रहे है और संचालक आज कल कहकर टाल रहे है. इनकी माने तो टोकन है फिर भी धान की खरीदारी नहीं कर रहे है.
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