20 दिसम्बर की सुबह इटाढ़ी गुमटी 11 नम्बर पर सरेआम गोली मारकर की गई दुर्गेश हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है। यह मामला वर्चस्व का था।
गिरफ्तार आरोपी दुर्गेश हत्याकांड, फोटो-Pnp |
इस पूरे कांड में संलिप्त शूटर समेत छह अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के पास से पुलिस ने एक आटोमैटिक पिस्तौल, दो कट्टा तथा 12 कारतूस बरामद किया है। हालांकि, घटना का मुख्य अभियुक्त अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस के अनुसार वर्चस्व को लेकर दुर्गेश की हत्या की गई थी।
पूरी घटना का खुलासा करते पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बैरिया गांव निवासी दुर्गेश सिंह की हत्या के लिए तीन बार पहले भी उसपर हमला किया गया था, पर हर बार वे बच गए थे। चौथी बार में अपराधियों को अपने मकसद में कामयाबी मिल गई। हत्या का सूत्रपात उसके गांव बैरियां से ही शुरू हुई थी। गांव का ही कई कांडों का कुख्यात अपराधी दिलीप यादव मौजूदा समय पटना जेल में बंद है। दिलीप के भांजा महदह निवासी अरुण यादव ने ही उसकी हत्या की थी।
साजिश विगत 17 दिसम्बर 2021 को अपने घर पर ही रची थी साजिश के तहत महदह के विकास यादव और चीनी मिल निवासी सुमित कुमार को लाइनर की भूमिका निभाते हुए दुर्गेश पर नजर रखने का काम दिया गया था। इसके तहत दोनों हर वक्त दुर्गेश पर नजर रखते हुए उसके एक-एक गतिविधियों की जानकारी लगातार अरुण यादव को दे रहे थे। घटना के दिन भी उन्होंने ही अरुण को इस बात की सूचना दी थी कि दुर्गेश बक्सर की और बाइक से जा रहे हैं।
इसके बाद आनन फानन में अरुण अपने भाई के दो शूटरों सासाराम निवासी रामदेश्वर कुमार उर्फ भूलन और श्याम कुमार उर्फ लड्डू के साथ सफेद रंग की अपाची पर सवार होकर आया और 11 नम्बर लख पर दुर्गेश की बाइक को ओवरटेक करते हुए उसपर फायरिंग करते हुए गोली मार दी। हमला होते देख दुर्गेश के साथ मौजूद दो साथी अंकित और सुशांत बाइक फेंक कर भाग चले, जबकि गोली लगने से जख्मी दुर्गेश वहीं पर गिर पड़ा।
वारदात को अंजाम देने के बाद आराम से तीनों अपराधी हथियार लहराते हुए वहां से निकल भागे। इसे मामले में दुर्गेश के पिता द्वारा दुर्गेश के साथ मौजूद दोनों साथियों समेत पांच लोगों को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें पैसे के लेनदेन के लिए हत्या का आरोप लगाया गया था। हालांकि जांच पड़ताल के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि मामला दूसरा था।
दुर्गेश पर तीन बार पहले भी हो चुका था हमला
अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि दुर्गेश की हत्या के लिए वे लोग कई बार प्रयास कर चुके हैं, पर हर बार वह बचते रहे। सबसे पहले क्रिकेट खेलने के दौरान उसपर हमला किया गया था, उसके बाद गांव में मछली मारने वाली जगह पर दो बार हमला किया गया था। तीनों बार असफल होने के बाद सासाराम से भाड़े के शटन बुलाए गए और तब जाकर वह अपने मकसद में कामयाब हुए।
गिरफ्तार आरोपितों का है आपराधिक इतिहास
इस घटना में शामिल सासाराम के रामेश्वर कुमार उर्फ भूलन और श्याम कुमार उर्फ लड्डू के खिलाफ सासाराम, डिहरी और दिनारा में हत्या और लूट समेत अन्य संगीन अपराधों में 11 मामले पहले से दर्ज हैं। इसके अलावा अब एक बक्सर में हत्या का भी मामला उनके नाम पर जुड़ गया।
घटना की जानकारी देते एसपी नीरज कुमार सिंह, फोटो-pnp |
पुलिस टीम में शामिल सभी होंगे पुरस्कृत
एसपी ने बताया कि जितनी जल्दी पुलिस टीम को सफलता मिली है, वह काबिले तारीफ है। सदर डीएसपी गोरख राम के नेतृत्व में गठित टीम में प्रशिक्षु डीएसपी अमरनाथ, मुफ्फसिल थानाध्यक्ष अमित कुमार के अलावा डीआइयू टीम के एसआई राहुल, आलोक और रंजीत कुमार के अलाव डीआइयू टीम के अन्य सदस्य शामिल थे।
वर्चस्व को लेकर हुई दुर्गेश की हत्या
गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के अनुसार दुर्गेश की हत्या वर्चस्व को लेकर की गई है। दरअसल, उसी गांव का कई कांडों में संलिप्त दिलीप पटना जेल में बंद है। इस बीच दुर्गेश की बढ़ती लोकप्रियता से उसे क्षेत्र पर अपनी पकड़ कमजोर होते दिखाई देने लगी थी। इसके लिए दिलीप ने अपने भांजे अरुण से बात करते हुए उसे दुर्गेश को रास्ते से हटा देने का निर्देश दिया था। इसके लिए वह बराबर अरुण के संपर्क में बना था और जेल से ही दिशा निर्देश देता रहा था।
अनुसंधान के क्रम में लाइनर से मिला था पुलिस को सुराग
एसपी ने बताया कि हत्या के बाद पिता के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार अनुसंधान के क्रम में ही पुलिस के सामने यह बात आई कि हत्या के पूर्व से ही चीनी मिल का सुमित वहां लगातार चक्कर लगा रहा था । उसको उठाने के बाद जब पूछताछ की गई तब उसने अपनी संलिप्तता बताते हुए पूरे राज से पर्दा हटा दिया। इसके बाद दूसरे लाइनर विकास को गिरफ्तार कर पूछताछ में उसने भी यही बात दुहराई, साथ ही बताया कि कांड में संलिप्त अपराधियों द्वारा पुनः किसी घटना को अंजाम देने के लिए धनसोई में श्याम कुमार उर्फ लड्डू के मकान में एकत्र होने वाले हैं। आनन फानन में धनसोई पुलिस को सचेत करते हुए टीम गठित कर छापेमारी किया गया।
चार अपराधी निकले सासाराम के
वहां से चार अपराधियों सासाराम निवासी रामेश्वर कुमार उर्फ भूलन और विरेंद्र यादव के अलावा सासाराम आलमगंज निवासी सादिक गद्दी और कोरानसराय के कमधरपुर निवासी ओमप्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। एक पिस्तौल, दो कट्टा के अलावा एक दर्जन कारतूस के साथ ही हत्या में इस्तेमाल की गई सफेद रंग की अपाचे बाइक बरामद कर लिया गया। हत्या के समय भूलन ने जो कपड़े पहने थे, वे भी बरामद हुए।