चन्दौली : डीएम की सख्ती, ग्राम प्रधान व हल्का लेखपाल छुट्टा पशुओं का देंगे हिसाब

चन्दौली : डीएम की सख्ती, ग्राम प्रधान व हल्का लेखपाल छुट्टा पशुओं का देंगे हिसाब

 10 जनवरी 2022 तक गोवंश संरक्षण हेतु विशेष अभियान के रूप में चलाकर गोवंश को निकटस्थ स्थायी/अस्थायी आश्रय स्थलों में संरक्षित किये जाने का निर्णय लिया गया|
 डीएम चन्दौली ने बैठक में बरती सख्ती, फोटो-Pnp.

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चन्दौलीडीएम संजीव सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में निराश्रित-बेसहारा गो-वंश संरक्षण संबंधित आयोजित बैठक में 10 जनवरी 2022 तक गोवंश संरक्षण हेतु विशेष अभियान के रूप में चलाकर गोवंश को निकटस्थ स्थायी/अस्थायी आश्रय स्थलों में संरक्षित किये जाने का निर्णय लिया गया|

बैठक के मुख्य बिंदु:|

1- दस जनवरी तक गो वंश संरक्षण हेतु विशेष अभियान
    2-लेखपाल व ग्राम प्रधान अपने अपने क्षेत्र के छुट्टा पशुओं को पकड़कर आश्रय स्थल तक पहुंचाने की गारंटी करेंगे। साथ ही खुद लिखित प्रमाण पत्र देंगे कि इलाके में कोई छुट्टा पशु घूम रहा है।
      3- सरकारी पशु अस्पताल के डॉक्टर दो दिन के अंतराल पर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच करेंगे और
        4-किसी भी हालत में सार्वजनिक स्थान, सड़क पर छुट्टा पशु नहीं दिखने चाहिए।
          5-बिजली, पानी व भूसा, दवा की मुक्कमल व्यवस्था होनी चाहिए। क्यूंकि यह पशु संरक्षण अभियान मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजना है।
            6- इस अभियान के अंतर्गत  हल्के के लेखपाल व ग्राम प्रधान प्रत्येक ग्राम पंचायत में सर्वे कर छुट्टा घूम रहे निराश्रित पशुओं को आश्रम स्थल तक पहुंचाने के साथ ही वे इस आशय का प्रमाण पत्र भी देंगे कि उनके गांव में कोई निराश्रित गो- वंश छुट्टा नहीं घूम रहे हैं|


            नगर निकाय भी छुट्टा पशुओं को पहुंचाएंगे आश्रय स्थल, करना होगा सारा इंतजाम

            इसी प्रकार नगर निकायों द्वारा भी अपने क्षेत्र में विचरण करने वाले निराश्रित गोवंश को शत- प्रतिशत एकत्रित करते हुए आश्रय स्थलों में संरक्षित करने हेतु अभियान चलाया जाए।

            बैठक में जिलाधिकारी ने कहा निराश्रित गोवंश, सहभागिता योजना एवं कुपोषण योजना के अंतर्गत संरक्षण हेतु इच्छुक व्यक्तियों को हस्तगत करवा दिए जाय। अगर ऐसा नहीं हो तो संबंधित छुट्टा पशु को आश्रय स्थलों में पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। गोवंश संरक्षित करवाएं गए गोवंश की टैगिंग एवं नर गोवंश का बधियाकरण अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

             बैठक में कहा गया कि पशुपालन विभाग के चिकित्सक यह सुनिश्चित करें कि आश्रय स्थल पर पशु की स्वास्थ्य परीक्षण भी दो दिन के अंतराल पर भ्रमण करते हुए सुनिश्चित होनी चाहिए। यहीं नहीं गो- आश्रय स्थल पर हरे-चारे, भूसा की उपलब्धता व पेयजल एवं विद्युत की भी व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।

            जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान साफ शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी दशा में गोवंश सड़कों/मार्गो तथा सार्वजनिक स्थानों या खेतों में विचरण करते हुए न पाए जाएं और किसी भी गोवंश की ठंड के कारण मृत्यु न हो ठंड एवं सामान्य बीमारियों से बचाव हेतु पशुपालन विभाग कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

            उन्होंने कहा कि सुपुर्दगी वाले पशुपालकों की भुगतान लंबित न रखा जाए।उनका प्रतिमाह भुगतान सुनिश्चित होनी चाहिए। 

            गाजीपुर व वाराणसी से आने वाले रास्तों पर रात्रि में पुलिस पेट्रोलिंग के निर्देश

             जिलाधिकारी ने क्षेत्राधिकारी सदर को निर्देशित करते हुए कहा कि गाजीपुर व वाराणसी से आने वाले रास्तों में रात्रि में पुलिस पेट्रोलिंग को निर्देशित किया जाए कि निराश्रित गोवंश जनपद में कोई न छोड़कर जाएं।

             जिलाधिकारी ने कहा कि चारा खरीद के लिए समय से डिमांड कर दिया जाए ताकि भुगतान होता रहे पैसे के अभाव में चारा न खरीदने की शिकायत कतई बर्दाश्त नहीं होगी। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करें आश्रय स्थल पर साफ-सफाई निरंतर कराया जाए ।

             बैठक में इस योजना को मुख्यमंत्री की प्राथमिकता  वाले योजना में बताया गया, जिसकी स्वयं मॉनिटरिंग भी समय-समय पर होनी चाहिए। 

            बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण, अपर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा, उप जिलाधिकारी सदर व सकलडीहा/ क्षेत्राधिकारी सदर, जिला पंचायत राज अधिकारी सहित नोडल अधिकारी उपस्थित थे।