माघी पूर्णिमा तिथि का धार्मिक महत्वपूर्ण है। उस दिन देवता धरती पर उतर आते हैं। इस बार यह तिथि 16 फरवरी को पड़ रही है |
Maghi Purnima 2022: इस माह 16 फरवरी को माघ की पूर्णिमा पड़ने वाला है। उस दिन देवता धरती पर अपना चरण रखते हैं। कहा जाता है कि इस दिन प्रयाग अथवा अन्य तीर्थ स्थलों पर स्नान करने का विशेष फल मिलता है। इस शुभ संयोग में जो व्यक्ति ध्यान के बाद दान करता है, उसे पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी, गायत्री मंत्र अथवा शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से काफी लाभ मिलता है।
माघ पूर्णिमा का स्नान क्यों है महत्वपूर्ण ?
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवता स्वर्ग से धरती पर उतर आते हैं। वे प्रयाग संगम में स्नान करते हैं। यही वजह है कि माघी स्नान का विशेष महत्व होता है। अगर कोई व्यक्ति के प्रयाग के संगम में नहाता आता है तो उसे बड़ा फल मिलता है। उसके रोग दुःख हुआ गरीबी से काफी राहत मिल जाती है। यह भी कहा जाता है कि अगर व्यक्ति संगम में स्नान नहीं कर पाए तो उसे सरजू, शिप्रा सिंधु, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, नर्मदा आदि नदियों में स्नान अवश्य करना चाहिए।
माघी पूर्णिमा के दिन जाप करने वाला मंत्र
माघी पूर्णिमा के दिन एक ऐसा संयोग होता है कि अगर कोई व्यक्ति स्नान के बाद मां लक्ष्मी के मंत्र का जप पूरा करता है तो उसकी गरीबी मिट जाती है। उस दिन महालक्ष्मी को लाल व पीला फूल से पूजा करनी चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
स्नान के समय पढ़ने जाने वाला मंत्र: ऊँ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे, सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरु।।
फिर लक्ष्मी जी के मंत्र का जप करें:- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीदॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मीयै नमः ।
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