यूक्रेन में फंसे हुए हैं पड़ोसी राज्य बिहार के दो स्टूडेंट, उड़ाया गया एयरपोर्ट तो परिजनों की बढ़ गई चिंता

यूक्रेन में फंसे हुए हैं पड़ोसी राज्य बिहार के दो स्टूडेंट, उड़ाया गया एयरपोर्ट तो परिजनों की बढ़ गई चिंता

यूक्रेन में फंसने वालों में यूपी गाजीपुर से सटे बिहार राज्य के बक्सर के दो छात्रों भी शामिल बताये जा हे हैं। दोनों इटाढ़ी प्रखंड के हैं| 

 ● बिहार राज्य के बक्सर इटाढ़ी प्रखण्ड के हैं दोनों स्टूडेंट, भारतीय दूतावास ने दिए कई दिशा-निर्देश

पूर्वान्चल न्यूज़ प्रिंट 

 गाजीपुर / बक्सर। रूस के हमले के बाद यूक्रेन के हालत बिगड़ते जा रहे हैं। रूसी टैंकोंसे लगातार हमले किय जा रहे है। यूक्रेन के लोग जान बचाकर कर भाग रहे है। लड़ाकू विमान बमों की वर्षा  में लोग मारे जा रहे हैं। ऐसे में भारतीय छात्र जो यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गए हुए थे वे भी फंस गए हैं। उन छात्रों को यह नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है लेकिन, सरकारी दिशा निर्देशों की वजह से फिलहाल वह सुरक्षित हैं। 
 

यूक्रेन में फंसने वालों में यूपी गाजीपुर से सटे बिहार राज्य के बक्सर के दो छात्रों भी शामिल बताये जा हे हैं। दोनों इटाढ़ी प्रखंड के हैं। भरचकिया गांव निवासी एक छात्रा यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है जबकि  उनवास गांव के भी एक युवक के यूक्रेन में फंसे होने की बात सामने आ रही है लेकिन सभी तक उनवास के युवक के बारे में विशेष जानकारी नहीं मिल सकी है।



  इटाढ़ी प्रखंड के भरकिया निवासी कमलेश कुमार सिंह की पुत्री सुप्रिया वर्ष 2017 अक्टूबर माह में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी. वह यूक्रेन के चेरनिवेट्सी शहर के बुकोविनियां स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी 5 साल 6 महीने का कोर्स करने के लिए गई थी, जिसमें से उन्होंने 10 सेमेस्टर की पढ़ाई कर भी ली है |  

सुप्रिया ने कहा ठीक नहीं है यहां के हालात 


कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि बेटी ने पहले ही कहा था कि यहां हालात ठीक नहीं है लेकिन, प्रशासन तथा दूतावास से उन्हें देश छोड़ने के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं मिला था। बेटी ने भी कहा था कि उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन तब तक युद्ध शुरू हो गया। हालांकि, बाद में उसने 27 फरवरी को वतन वापसी की योजना बनाई लेकिन उसे फ्लाइट नहीं मिल रही थी।  

जब उड़ा दिया गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट


कमलेश कुमार सिंह कहते हैं कि उनकी पुत्री के साथ पूर्णिया का एक लड़का भी था, जिसकी फ्लाइट गुरुवार को ही देश की राजधानी कीव के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से थी लेकिन, उसके एयरपोर्ट पर पहुंचने के समय ही रूसी मिसाइलों से हमला हुआ और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।  

प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित हैं कमलेश कुमार सिंह 


सुप्रिया के पिता कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि सुप्रिया की माता का निधन कैंसर की वजह से वर्ष 2015 में हो गया था।  उनकी तीन संतानों में सुप्रिया दूसरे नंबर पर है। उनके प्रथम पुत्र प्रतीक पोस्ट हैदराबाद में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं, जबकि सबसे छोटी संतान स्वाति कुमारी अंबाला में बीटेक की पढ़ाई कर रही हैं। कमलेश कुमार सिंह कहते है कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में उन्होंने कभी कोई कमी नहीं होने दी।  वह स्वयं भी स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर चुके हैं तथा इन्हें केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। 

छात्रों को हॉस्टलों में बने बंकरों में छिपने की बात बता दी गई थी 

यूक्रेन में बिगड़ते हालातों के बीच कुछ दिन पूर्व ही वहां रह रहे छात्रों को हॉस्टलों में बने बंकरों में छिपने की बात बता दी गई थी और कहा गया था कि यदि हालात बिगड़ते हैं तो उस सुरक्षित स्थान पर छिप जाए और अपने सारे दस्तावेज अपने साथ रखें ताकि, उनकी पहचान आसानी से हो सके। इसके अतिरिक्त उन्हें एटीएम से पैसे निकालने के लिए भी कहा गया था।  वहीं, भारतीय दूतावास के द्वारा छात्रों को यह बताया गया है कि यदि वह सुरक्षित स्थानों पर नहीं हो तो गूगल मैप्स की सहायता से आसपास के बंकरों का पता लगाकर उसमें छुप जाएँ।  
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