चौसा में बहुत से ऐसे किसान जो कम जमीन पर नई-नई फसलों को उगाकर खुद की अच्छी आमदनी कर रहे हैं व दूसरों को सीख भी देते हैं |
कृषि विभाग जन जागरूकता पर नहीं होती विभागीय जोर: डा. मनोज यादव |
चौसा-बक्सर, पीएनपी । बिहार सरकार पारम्परिक खेती से हटकर वैज्ञानिक तरीके से व्यवसायिक खेती पर जोर देने को कहती है। चौसा में बहुत से ऐसे किसान जो कम जमीन पर नई-नई फसलों को उगाकर खुद की अच्छी आमदनी कर रहे हैं व दूसरों को सीख भी देते हैं । मगर आज भी जब प्रोत्साहित करने की बात आती तो जो पुराने पद्द्ति से खेती करने अले को ही कृषि विभाग प्रोत्साहित कर रही है।
चौसा-बक्सर, पीएनपी । बिहार सरकार पारम्परिक खेती से हटकर वैज्ञानिक तरीके से व्यवसायिक खेती पर जोर देने को कहती है। चौसा में बहुत से ऐसे किसान जो कम जमीन पर नई-नई फसलों को उगाकर खुद की अच्छी आमदनी कर रहे हैं व दूसरों को सीख भी देते हैं । मगर आज भी जब प्रोत्साहित करने की बात आती तो जो पुराने पद्द्ति से खेती करने अले को ही कृषि विभाग प्रोत्साहित कर रही है।
जिससे वैसे किसान अपने को हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं । अभी हाल ही में बिहार दिवस के मौके पर चौसा के एक किसान को प्रोत्साहित किया गया। जो पारंपरिक खेती से धान की उपज किये हुए थे। डा. मनोज कहते हैं कि ठीक है वैसेकिसानों को प्रोत्साहित करना मगर, उन किसानों को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। जो नई उपज व नई खेती के माध्यम से दूसरों को सीख दी रहे तथा खेती में नए रोजगार पैदा करते हैं ।
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डा. मनोज कहते है कि चौसा में कृषि विभाग मृत प्रायः बना हुआ है। जहा गिने-चुने किसानों से गुपचुप तरीके से योजना पर बात की जाती है। योजना का लाभ हो या योजना की जानकारी उन्ही किसानों तक किसान सलाहकार व समन्वयक कार्यालय में बुलावा भेजते हैं । इस वजह से क्षेत्र के किसानों में जन-जागरूकता की कमी है। जबकि, कृषि विभाग कभी भी जन जागरूकता चलने की जरूरत ही नहीं समझता है।
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