कांग्रेस व बसपा से छीन सकता है बड़ा कार्यालय, यूपी चुनाव में हार का पड़ेगा असर !

कांग्रेस व बसपा से छीन सकता है बड़ा कार्यालय, यूपी चुनाव में हार का पड़ेगा असर !

यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के परिणाम आने का असर अब विधानभवन में स्थित राजनीतिक दलों के कार्यालयों के आवंटन पर भी पड़ सकता है|

सांकेतिक फोटो-pnp

लखनऊ,पीएनपी यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के परिणाम  आने का असर अब विधानभवन में स्थित राजनीतिक दलों के कार्यालयों के आवंटन पर भी पड़ सकता है।

आलम यह है कि चुनावों में दो और एक सीट पर सिमटी कांग्रेस (Congress) और बसपा (BSP) से उन्हें आवंटित किये गए बड़े-बड़े कार्यालय को छिना जा सकता हैं।  दरअसल,  मामला यह है कि विधानभवन में राजनीतिक दलों को उनकी संख्या के अनुसार कार्यालय का आवंटन किया जाता है। चूंकि इस बार कई ऐसे दल भी हैं, जिनकी संख्या कांग्रेस और बसपा के विधायकों से अधिक ही है, लिहाजा उन्हें कार्यालय आवंटित की उम्मीदें बढ़ गई है।

यहां विधानसभा के विशेष सचिव बृजभूषण दुबे कहते हैं कि नियमानुसार ज्यादा विधायकों वाले दल को ही बड़े कार्यालय आवंटित होते रहे हैं। ऐसे में जिन दलों के विधायकों की संख्या बहुत कम होती है, उन पर विधानसभा अध्यक्ष अपने विवेक से निर्णय लेने के लिए सक्षम है। हालांकि न्यूनतम संख्या के बारे में फिलहाल कोई नियम प्रचलन में नहीं आया है। 

 बता दें कि, इस बार चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायक जीते हुए हैं और जबकि 2017 में उसके पास एक ही विधायक रहे, इसलिए उन्हें कार्यालय आवंटित नहीं हुआ था। अबकी बार रालोद के अलावा निषाद पार्टी के पास छह विधायक हैं, इसलिए इस दल को नया कार्यालय आवंटित हो सकता है। 

संभव है बसपा व कांग्रेस  को छोटा कार्यालय ही अध्यक्ष आवंटित कर करें। जनसत्ता दल को भी इसी आधार पर कार्यालय उपलब्ध हो सकता है।

पिछले विधान सभा चुनाव के बाद सुभासपा व अपना दल सोनेलाल को भी कार्यालय आवंटित किया हुआ था। इन्हें इस बार भी कार्यालय बरकरार रहेगा।
Purvanchal News Print की यह खबर आपको को कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। खबर टॉपिक को अपना सुझाव दें