शिक्षा विभाग की अनदेखी बच्चों के जीवन पर कहीं पड़ न जाए भारी !

शिक्षा विभाग की अनदेखी बच्चों के जीवन पर कहीं पड़ न जाए भारी !

यह नजारा सकलडीहा के कम्पोजिट विद्यालय की, जो कभी कन्या पाठशाला के नाम से जाना जाता था| यहां शिक्षा विभाग की अनदेखी बच्चों के जीवन पर कहीं भारी न पड़ जाए |

हादसे का दावत: स्कूल का कमरा
रिपोर्ट- अनिल सेठ 
सकलडीहा,चंदौली । इस खबर में एक तस्वीर है। यह नजारा सकलडीहा के कम्पोजिट विद्यालय की, जो कभी कन्या पाठशाला के नाम से जाना जाता था। यहां  शिक्षा विभाग की अनदेखी बच्चों के जीवन पर कहीं भारी न पड़ जाए।    
दरअसल में मामला यह है कि यहां पर विद्यालय परिसर में एक भवन ऐसा है, जिस की हालत काफी दयनीय है। वह कभी भी ध्वस्त हो सकता है, जिससे स्कूल के अंदर बच्चों के साथ कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इन सब के बावजूद न इसके लिए शिक्षक ध्यान देते हैं और नाही अधिकारी।  जबकि, इसी भवन से होकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और बच्चियों के लिए शौचालय जाने का रास्ता भी है।  

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 इन सबके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को महंगी पड़ सकती है या तो वे लोग जानबूझकर इसको नजरअंदाज कर रहे हैं या उन्हें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के जीवन की फिक्र नहीं। तभी तो जहां शासन शिक्षा विभाग के कायाकल्प के लिए इतनी इतनी बड़ी धनराशि खर्च करके स्कूलों की कायाकल्प करने की व्यवस्था सुनिश्चित करा रही है वही इस कमरे की हालत देख कर तो लगता है अधिकारी जानबूझकर इसको नजरअंदाज कर रहे हैं।  

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