केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ वाम दल संयुक्त रूप से 25 से 30 मई तक जन अभियान चलाएंगे और साथ ही 31 मई को चन्दौली व चकिया में प्रदर्शन करेंगे।
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फाइल फोटो |
● आसमान छूती मंहगाई, बेरोजगारी और पुलिस जूल्म को ले 25 से 30 मई तक जन अभियान
● 31 मई को चन्दौली व चकिया में बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा
चन्दौली। आसमान छूती मंहगाई व बढ़ती बेरोजगारी पर रोक लगाने में विफल योगी सरकार मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक विभाजन की निरन्तर कोशिश कर रही है। यह आरोप वाम दलों ने लगाया है। इसके खिलाफ वाम दल संयुक्त रूप से 25 से 30 मई को जन अभियान चलाया जाएगा। साथ ही 31 मई को योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होगा।
इस सवाल को लेकर यहां आयोजित बैठक में वाम दलों ने आरोप लगाया कि संघ नियंत्रित और कार्पोरेट्स संचालित देश व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता के खिलाफ युद्ध जैसा छेड़ रखा है। यह सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी के भंयकर संकट से युवा गुजर रहें है। रोजगार के लिए बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर भी युवा ददर दर भटक रहे हैं। राष्ट्रीय रोजगार नीति बनाने के सवाल पर देश - प्रदेश की सरकार मौन साध रखी है।
उत्तर प्रदेश में बुलडोजरवाद के तहत पुलिसराज कायम है। दबंगों, भाजपाइयों और पुलिस की तिकड़ी ने किसानों- कामगारों- मेहनतकश खासकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ों पर तीखे हमले बोल दिये हैं।
अनगिनत कत्ल और आत्महत्याएं लगातार हो रही है। भयभीत और प्रताड़ित करने के उद्देश्य से पुलिस घरों में घुस कर हत्याएं कर रही है।चन्दौली में भी मनराजपुर की घटना प्रमाण के रूप में है। वहीं पुलिसजनों द्वारा बलात्कार आम बात हो गयी है, सुरक्षा और न्याय की गुहार करने वालों की सुनी नहीं जा रही है। भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन आकंठ भ्रष्टाचार और दलाली में डूबे हैं। शुरू में विभाजन और वोटों को हथियाने की गरज से बुलडोजर का इस्तेमाल चंद मुस्लिम माफियाओं के खिलाफ किया गया, पर अब उसका रुख जनता की ओर मोड दिया गया है।
खाने पीने की चीजें, फल- सब्जी, दवाएं, इलाज, पढ़ाई और जीवनयापन की चीजें बेहद महंगे हो गये हैं। खुदरा महंगाई की दर सारी सीमाएं लांघ चुकी है। आम लोगों की जिंदगी दूभर होकर रह गई है। ऊपर से सार्वजनिक क्षेत्र को बेच कर नौकरियाँ समाप्त की जा रही है। भर्तियाँ रद्द की जा रही है। आक्रोश को शिथिल करने को चंद खैरातें बांटी जा रही हैं और नए और पुश्तैनी हथकंडे अपना कर सांप्रदायिकता तथा विभाजन को हवा दी जा रही है। ये सब जनता का ध्यान उसकी मूलभूत समस्याओं से हटाये रखने की साजिशें हैं।
जहां खाद्य सुरक्षा सार्वभौमिक होनी चाहिए, वहीं यह सरकार राशन कार्ड निरस्त करने पर लगी है, जबकि राशन कार्ड प्राप्त करना सबका अधिकार है। किसानों से उत्पादन खरीद के सवालों पर भी यह सरकार फिसड्डी साबित हुई है। चुनाव जितने के बाद किसानों से सम्मान निधि वापसी ( आयकर दाता के नाम पर) व राशन कार्ड निरस्त करने का आदेश ( जो चर्चा में हैं) धोखा है।
वामदलों ने कहा कि आसमान छूती मंहगाई, बेरोजगारी और पुलिस जूल्म के खिलाफ 25 मई से 30 मई जनअभियान शुरू होगा। जिसमें जनता से जन संवाद, पर्चा वितरण, जनसम्पर्क किया जाएगा। इसी 31 मई को चन्दौली व चकिया में प्रदर्शन में ताकत के साथ शामिल होंगे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी लेनिनवादी), आईपीएफ, भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत) के कार्यकर्ता जनसंपर्क कर रहे हैं।
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