राष्ट्रपति पद के चुनाव में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया |
फाइल फोटो |
Purvanchal News Print | नई दिल्ली। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, इसलिए कह रही हैं क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से आती हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष ने बसपा से कोई सलाह मशवरा नहीं किया। मायावती ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार तय करने के लिए आयोजित बैठक में बसपा को नहीं बुलाया।
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उन्होंने कहा कि बसपा एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जिसका नेतृत्व दलितों के हाथ में है। हम ऐसी पार्टी नहीं है जो भाजपा या कांग्रेस को फॉलो करते हैं या पार्टी उद्योगपतियों से जुड़ी हुई है। हम उत्पीड़ितों के पक्ष में निर्णय लेते हैं। ऐसे में अगर कोई पार्टी ऐसी जातियों व वर्ग के पक्ष में निर्णय लेती है तो हम बगैर परिणाम की परवाह किए इनका समर्थन करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जातिवादी मानसिकता वाले बसपा के नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिश करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। जिससे बसपा कमजोर पड़ जाए। कांग्रेस हो या बीजेपी नहीं चाहती है कि देश के भीतर सही मायने में संविधान लागू हो।
सत्ता में बैठे दल बसपा के आंदोलन को बराबर कमजोर करने की कोशिश में जुटे रहते हैं। सच तो यह है कि बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति का ढोंग किया है, इसलिए विपक्षी दलों और बसपा दोनों पक्षों को दूर रखा गया। मायावती ने साफ कहा कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पहली बैठक की और शरद पवार ने भी बसपा को चर्चा के लिए नहीं बुलाया।
आज भी विपक्ष बसपा के खिलाफ अपनी जातिवादी मानसिकता के साथ खड़ा है, इसलिए हम राष्ट्रपति चुनाव का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारी पार्टी ने आदिवासी समुदाय जो हमारे आंदोलन के एक प्रमुख हिस्से के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने का फैसला किया है। इसका ना तो बीजेपी से कोई संबंध है न विपक्षी दलों से कोई लेना-देना माना जाए।