न्यायालय ने पत्नी की हत्या के मामले में पति व जेठ पर 302 / 34 एवं 201आईपीसी का आरोप सिद्ध होने पर उम्र कैद की सजा व साथ ही 20-20 हजार तथा भारतीय दंड विधान 201 के तहत 3 -3 वर्ष कारावास तथा ₹ 5000 अर्थदंड से दंडित किया गया |
Purvanchal News Print |चन्दौली। अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम जगदीश प्रसाद द्वारा पत्नी की हत्या के मामले में पति व जेठ पर 302 / 34 एवं 201आईपीसी का आरोप सिद्ध होने पर उम्र कैद की सजा व साथ ही 20-20 हजार तथा भारतीय दंड विधान 201 के तहत 3 -3 वर्ष कारावास तथा ₹ 5000 अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने की।
मुकदमा वादी राजेंद्र पुत्र सीताराम ग्राम श्रीपुर थाना अदलहाट जनपद मिर्जापुर द्वारा थाना कोतवाली चकिया जनपद चंदौली में इस आशय की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत हुआ कि उसकी पुत्री सुरमिला उर्फ़ चंद्रकला की शादी पंकज पुत्र रामनरेश पचपेड़वा थाना चकिया जनपद चंदौली के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ पहली मई 2018 को संपन्न हुई थी।
शादी में अपने सामर्थ्य के अनुसार काफी दान दहेज दिया था। बेटी के विदा होकर ससुराल जाने के बाद ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। उसकी सास तीजा देवी, ससुर रामनरेश, जेठ रामाज्ञा, पति पंकज दहेज के लिए ताना देने व मारने पीटने लगे।
जब पहली बार लड़की विदा होकर अपने मायके आई तो सब बात अपनी मां और भाई को बतायी । तब हम लोग बेटी के ससुराल गांव के अन्य लोगों के साथ जाकर निवेदन किए कि हम लोग गरीब हैं और अपनी हैसियत के मुताबिक दान दहेज दे दिए। फिर भी मजदूरी करके जो कमी होगी, उसे पूरा करेंगे। बेटी को समझा-बुझाकर ससुराल भेज दिए।
7 अगस्त 2018 को उनकी लड़की ने अपनी मां को फोन करके रोते हुए बताया कि उसके पति, सास, ससुर जेठ, ननंद ने काफी मारा पीटा है और दहेज में ₹50000 मांगा है। जिस बात को उसकी पत्नी उस दिन नहीं बताया है यह भी बताएं कि सुरेंद्र बीडीसी उसके सास-ससुर को उसको मारने पीटने के लिए उकसाते हैं तथा पंकज से उसकी लड़की के बारे में भला बुरा कहते हैं।
फिर 9 अगस्त 2018 को पंकज 3/ 4 बजे के आसपास हमारे घर आए और यह बताएं कि उनकी लड़की की तबीयत खराब थी, उसको इलाज कराने चकिया सरकारी अस्पताल लाए थे जहां से चंद्रकला उर्फ़ सुरमिला कहीं चली गई है। उसका पता नहीं चला है। हम लोगों ने अपनी लड़की का काफी तलाश किया। फिर उसकी रिश्तेदारी और कहीं से सूचना मिली कि लड़की को उसके ससुराल वाले मारपीट कर दहेज के लिए गला घोंटकर उसकी हत्या कर दिए हैं।
इस बारे में पता किया तो गांव वालों ने दबी जुबान में से बताया कि लाश को ससुराल वालों ने हक्कानी पुर घाट गंगा नदी में फेंक दिया है। इस बात की सूचना चकिया थाने पर देकर मुकदमा पंजीकृत हुआ। दौरान विचारण दहेज उत्पीड़न दहेज मांगना साबित नहीं हुआ, जिससे 304-बी आईपीसी का मामला सिद्ध नहीं होने से पांच अभियुक्त दोषमुक्त कर दिए गए।
जबकि अभियुक्त पति पंकज और जेठ रामाज्ञा को धारा 302/ 34 एवं 201 भारतीय दंड विधान में आरोप सिद्ध होने पर उम्र कैद व 20 -20 हजार रूपये अर्थदंड तथा भारतीय दंड विधान 201 के तहत तीन-तीन वर्ष कारावास तथा पांच ₹5000 अर्थदंड से अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम जगदीश प्रसाद द्वारा दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने किया।
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