अधिकारियों की उदासीनता से नहर (बाहा) में अतिक्रमण से हर साल हो जाती किसानों की फसल बर्बाद

अधिकारियों की उदासीनता से नहर (बाहा) में अतिक्रमण से हर साल हो जाती किसानों की फसल बर्बाद

माधोपुर गांव में हर साल नहर (बाहा) पर अतिक्रमण के चलते किसानों की फसल पानी में डूब जाती है, जिससे किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक क्षति होती है |   

अतिक्रमण होने से  पानी से डूबे किसानों के खेत| फोटो-PNP

Purvanchal News Print | धीना, चदौली । स्थानीय थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में नहर (बाहा) पर अतिक्रमण से किसानों के खेत पानी मे डूब जा रहे है। इससे किसानों को प्रत्येक साल नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी बाहा पर अवैध निर्माण (अतिक्रमण) को विभागीय अधिकारी नहीं हटवा रहे है। इससे किसानों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


माधोपुर गांव में आराजी नम्बर 156 रकबा 4.990 में बाहा मौजूद है।उक्त बाहा के पूरब स्थित 500 काश्तकारी भूमि का पानी पोखरी में आकर गिरता है।पश्चिम तरफ अन्य बाहा से निकलकर गंगा नाला में जाता है।


जबकि बाहा पर अवैध निर्माण होने से पूरा पानी रुक गया है।इससे प्रत्येक साल किसानों का 50 प्रतिशत धान की फसल पानी मे डूब जाता है।पानी का बहाव रुकने से गांव सभा की पोखरी के उत्तर दिशा में सभी निर्मित मकान पानी से लगभग 3 फुट डूब जाता है।इससे किसानों को बाहा पर अवैध निर्माण होने से पानी खेतों में जाने से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


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ग्रामीण शोभनाथ राम, चौथी राम, गुलाबी देवी, रामदुलार विश्वकर्मा, शोभा सिंह, कन्हैया प्रजापति, बिनोद सिंह, दरोगा प्रजापति, उमेश प्रजापति, रामरूप, विजय नारायण आदि ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बाहा पर अवैध निर्माण हटवाकर पानी के बहाव को जारी करने का मांग किया है।


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