उप्र की राजनीति में पिछले कई दिनों से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चल रही बयानबाजी पर विराम लग ही गया | सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन टूटने पर कहा, हम किसी के गुलाम नहीं हैं |
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुप्पी तोड़ते हुए अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से गठबंधन तोड़ दिया है। सपा ने साफ किया कि आपको जहां भी ज्यादा सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं। इसके साथ चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी नसीहत दी कि आपको जहां सम्मान मिले, आप भी वहां जा सकते हैं।
अखिलेश यादव ने बीते कई दिनों से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के मीडिया बयानबाजी पर अपनी मुहर लगा दी है । उन्होंने गठबंधन तोड़ने वाला एक पत्र पार्टी के आफिशियल ट्वीटर पर पोस्ट कर दिया है।
इस पोस्ट के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है। पत्र के जरिए कहा गया है कि भाजपा से सुभासपा अध्यक्ष का गठजोड़ है। वह लगातार भाजपा को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में आपको लगता है कि आपको भाजपा में ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र है।
सुभासपा से गठबंधन तोड़ते हुए अखिलेश यादव ने प्रसपा अध्यक्ष चाचा शिवपाल सिंह यादव को भी नसीहत दी है। उन्होंने पत्र में चाचा के लिए लिखा कि आपको जहां सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं।
गठबंधन टूटने पर सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने पत्रकारों से कहा कि हमें सपा अध्यक्ष का तलाक स्वीकार है। उन्होंने इसके पीछे सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, संदीप भदौरिया, संजय लाठर सहित कई बड़े नेताओं को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव इन नवरत्नों के इशारे पर काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी के गुलाम नहीं हैं।
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