सांसद, विधायक को आगाह करने के बाद भी नहीं हुई ड्रेन-माइनर की खुदाई, पचासों एकड़ धान की फ़सल डूबकर बर्बाद !

सांसद, विधायक को आगाह करने के बाद भी नहीं हुई ड्रेन-माइनर की खुदाई, पचासों एकड़ धान की फ़सल डूबकर बर्बाद !

संसदीय क्षेत्र चंदौली, विधायक क्षेत्र सैयदराजा, विकास खंड बरहनी व परगना नरवन स्थित क्षेत्र गाँव भैसउर, मूड़कपूवां के किसानों की जल निकासी न होने से पचासों एकड़ धान की फ़सल बिन बारिश के पानी में डूबकर बर्बाद हो गयी |

पानी में डूबी धान की फ़सल 

किसानों ने शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों पर लगाया उदासीनता का लगाया आरो

By : दिवाकर राय, धीना, चंदौली  | संसदीय क्षेत्र चंदौली, विधायक क्षेत्र सैयदराजा, विकास खंड बरहनी व परगना नरवन स्थित क्षेत्र गाँव भैसउर, मूड़कपूवां के किसानों की जल निकासी न होने से पचासों एकड़ धान की फ़सल बिन बारिश के पानी में डूबकर बर्बाद हो गयी | 

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क्षेत्रीय किसानों में मोहन राय का 10 एकड़, अशोक यादव का 5 एकड़, शोभू साव का 4 एकड़, विनोद राय का 5 एकड़, बिनोद पाण्डेय का 5 एकड़, बबलू राय का 5 एकड़ सहित अन्य छोटे किसानों को लेकर लगभग पचासों एकड़ धान की फ़सल पानी में डूब गयी है|

 किसानों ने महंगा धान बीज,जुताई रोपाई निराई उर्वरक, कीटनाशक दवा की लागत से तैयार हुयी लहलहाती धान की फ़सल डूब जाने से उनकी कमर ही टूट गयी है। किसानों ने एक तरफ तो बरसात कम होने से डीजल चलाकर धान की रोपाई किया था | वहीँ दूसरी तरफ बिन बरसात के जल जमाव से फसलें बर्बाद होने से उनकी काफी क्षति हुयी है। उन्हें चौतरफा मार झेलना पड़ा है। 

 क्षेत्रीय किसानों में मोहन राय, विनोद राय, विनोद पाण्डेय कहते हैं कि सांसद चंदौली डा.महेंद्र नाथ पाण्डेय, सैयदराजा विधायक सुशील कुमार सिंह और बंधी डिवीज़न के अधिकारियों से कई बार घोसवां ड्रेन बसंतपुर माइनर की खुदाई बरसात पूर्व कराने की मांग की गयी। इस ड्रेन माइनर की खुदाई सफाई न होने से पानी जाम हो जाने से किसानों की धान की फ़सल बर्बाद होती है, साथ ही रवि की बुवाई भी समय से नहीं हो पाती | 

 चिंतित किसान मोहन राय, फोटो - PNP 

लेकिन,शासन-प्रशासन ने किसानों की बात को अनसुनी कर दिया,जिसका नतीजा यह हुआ कि रेवसा, घोसवां, जमुड़ा, फेसुणा का पानी बिन बरसात के दसों साल से आकर निकासी न होने से कई एकड़ धान की फ़सल डूबोकर सब बर्बाद कर देता है |

 किसानों ने जनप्रतिनिधियों के ऊपर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर ध्यान दिया गया होता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। आने वाले समय में किसानों के प्रति क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों क्या रवैया होता है यह तो अभी भविष्य के गर्त में है। किसानों की इनके प्रति काफी नाराजगी है |