Gyanvapi Masjid Verdict: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर जिला अदालत ने फैसला सुनाया | अदालत ने हिन्दू पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए मुस्लिम पक्ष के 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया |
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ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट का हिंदू पक्ष में फैसला |
वाराणसी। यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले पर आज सोमवार को जिला अदालत ने फैसला सुना दिया। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी पोषणीयता मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा - " इस मुकदमे की सुनवाई होगी। "
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट ने कहा- "वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है। यह निर्धारित करते हुए प्रतिवादी संख्या 4 अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी के द्वारा दिए गए 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज किया गया। "
अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी
इसके अलावा अदालत ने कहा भी कि इस मामले पर अब अगली सुनवाई 22 सितंबर 2022 को होगी। इस फैसले में अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट जाएगा।
वाराणसी की जिला अदालत का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि न्यायालय ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है। निर्णय लोगों की भावनाओं के अनुरूप है, इसीलिए प्रदेश भर में खुशी की लहर बन गयी है।
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने जब फैसला सुनाया तब हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन इस दौरान अदालत में मौजूद थे। इसके अलावा 5 वादी महिलाओं में से तीन लक्ष्मी देवी, रेखा आर्य और मंजू व्यास भी पहुंचीं। राखी सिंह और सीता साहू नहीं पहुंची थी। कोर्ट रूम में पक्षकारों व उनके वकीलों के तकरीबन 40 लोगों को ही एंट्री मिली थी और अन्य को कोर्ट रूम से 50 कदम दूर ही इंट्री रोकी दिया गया था।
दरअसल- क्या थी याचिका, जानें ?
बता दें कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया। इस मुकदमे में पांच महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले।
ज्ञानवापी परिषद में अन्य देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है। इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज सुनाया है।