Gyanvapi Masjid Verdict: ' जो इस विवाद को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें डर किस बात का ? ' ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में अनिल राजभर का बड़ा बयान

Gyanvapi Masjid Verdict: ' जो इस विवाद को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें डर किस बात का ? ' ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में अनिल राजभर का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले पर जिला अदालत के फैसले पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बड़ा बयान देते हुए कहा- ' जो इस विवाद को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें डर किस बात का ? ' 
अदालत के फैसले पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बड़ा बयान 
वाराणसी |  उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले पर जिला अदालत के फैसले पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो इस विवाद को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें डर किस बात का ? उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जन भावनाओं का आदर किया है। हम सभी इस फैसले का अभिनंदन करते हैं।

योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने ' एक न्यजू चैनल ' से बातचीत में कहा कि, ' कोर्ट ने कहा- मुकदमा सुनने योग्य। अब जिसके पास जो तथ्य हो, प्रमाण हो वह न्यायालय के सामने रखें,  इसमें डरने की क्या बात है ?, उत्तर प्रदेश, पूरा देश, हर भोले भक्त आज आनंद में है, कोर्ट के फैसले का आदर, सम्मान, स्वागत कर रहा है।  

 

मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने के सवाल पर क्या बोले?


मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने के सवाल पर अनिल राजभर ने कहा - जिसको जहां जाना हो जाए, उसे कौन रोक रहा है , भगवान श्रीराम की जन्मभूमि के विवाद का जो फैसला आया भारतीय न्यायपालिका का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। अब यह काशी के ज्ञानवापी का मामला है।  हमें पूरा भरोसा है कि न्यायालय जल्द से जल्द इस मामले को निपटायेगा ताकि भोले भक्तों के साथ न्याय हो सके। 

दरअसल- क्या थी याचिका, जानें ?


 बता दें कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया। इस मुकदमे में पांच महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले।

ज्ञानवापी परिषद में अन्य देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है। इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज सुनाया गया है। 

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