सकलडीहा में राजनीति और कूटनीति के बीच एक बार फिर फरियादी पिसते नजर आ रहे हैं | तहसीलदार डॉक्टर बंदना मिश्रा की दोबारा तैनाती पर अधिवक्ताओं के विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं |
👉क्या यही सच है, व्हाट्सएप पर तैनाती ,ज्वाइनिंग लेटर आना बाकी !
👉नए डीएम महोदया को खबर तक नहीं, फिर किसने किया स्थानांतरण ?
चंदौली। राजनीति और कूटनीति के बीच एक बार फिर फरियादी पिसते नजर आ रहे हैं । जिस डॉक्टर बंदना मिश्रा की तहसीलदार सकलडीहा के पद पर पहली तैनाती में दुर्व्यवहार से खफा अधिवक्ता अनवरत कार्य से विरत रहे और अंततः उन्हें हटाते हुए स्थानांतरण चंदौली न्यायिक तहसीलदार के पद पर कर दिए गया था। लेकिन पुनः डॉ.वंदना मिश्रा की सकलडीहा में तैनाती होते ही वकील भड़क गए। उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। वकील बगावत पर उतर गए हैं।
बात इतनी भी नहीं है, नौकरी तो कहीं कोई अधिकारी करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। मगर कोई भी अधिकारी दोबारा अपनी पोस्टिंग सकलडीहा ही क्यों चाहता है। क्या सकलडीहा तहसील जनपद चंदौली की कमाऊ तहसील बन गई है? यह शासन व प्रशासन के किये कई सवाल खड़ा कर रहा है। लोगों की बातें सच मानें तो चंदौली सांसद की रिश्तेदार व सम्बंधित डॉ.वंदना मिश्रा बताई जा रहीं। तभी तो इनके विरोध प्रदर्शन में सांसद के खिलाफ भी नारे लगाए जा रहे हैं।
जब से यहां सकलडीहा में दोबारा तैनाती हुयी है, वकील परेशान हैं। अधिवक्ता लामबंद होकर मुर्दाबाद , वापस जाओ तथा चोर के नारों के साथ कचहरी परिसर गूंज रहा है। यहां पहुंचते ही उनके कुछ कृत्य के लिए अनुसूचित वर्ग के अधिवक्ता अलग से खफा हो गए है । हुआ यूं कि पहले दिन व्हाट्सएप पर आए संदेश से वर्तमान तहसीलदार अजय कुमार को जिला मुख्यालय बुला लिया गया है और अधिकारियों ने उनको समझा दिया कि आपको चंदौली तहसीलदार न्यायिक बनाया जा रहा है। आप तुरंत ज्वाइनिंग करें। और वहीं दूसरी ओर डॉक्टर बंदना मिश्रा भी मोबाइल के व्हाट्सएप पर आए संदेश पर सकलडीहा में आकर तहसीलदार के पद पर आसीन हो गई।
पुरानी कुर्सी हटवाई , SC / ST आयोग जायेंगे अधिवक्ता
जैसा की चर्चा है कि उन्हें किसी ने बताया कि इस कुर्सी पर अनुसूचित वर्ग का अधिकारी बैठा था, तो तुरंत वे नई कुर्सी मंगाकर बैठी । इस बात की भनक जब दूसरे दिन अधिवक्ताओं को लग गई तो अनुसूचित वर्ग के अधिवक्ताओं ने खासा नाराज होते हुए इनके स्थानांतरण तक कार्य से विरत रहने की जिद ठान लिये । अधिवक्ताओं द्वारा एससी-एसटी आयोग में जाने की बात होने लगी। यहां के अधिवक्ता शिवपूजन राम ने डॉक्टर वंदना मिश्रा को एससी एसटी आयोग में तलब करने का बयान भी जारी कर दिया।
इस बाबत डॉ वंदना मिश्रा से जब पूछा गया तो कहती हैं की अनशन-प्रदर्शन करना अधिवक्ताओं का अधिकार है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगीं । इन सभी घृणित कृतियों से नए डीएम महोदया ईशा दुहन को भी अनभिज्ञ बताया जा रहा हैं।अब देखना यह है कि क्या अधिवक्ता तहसीलदार हटाओ अभियान में सफल होते हैं अथवा फरियादी इनके विरोध प्रदर्शन व हड़ताल के बीच कब तक पिसता रहता है?
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन तिवारी, रामराज यादव महामंत्री, पंकज सिंह, शैलेंद्र पांडे, शिवपूजन राम, कन्हैया पासवान, बुधराम वकील , श्रीकांत राजभर, राम अवध यादव, अभय कुमार मौर्य, आशुतोष कुमार सिंह, अजय सिंह, संतोष कुमार यादव इत्यादि सैकड़ों अधिवक्ता गण मौजूद थे।