राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित जनजातीय कलाकार आरती राना इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ फैशन डिजाइन व टेक्नोलॉजी द्वारा ‘रिवाइविंग थारू इम्ब्रॉएडरी फार लाइवलीहुड’ विषय पर कार्यशाला आयोजित |
प्रयागराज | राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित जनजातीय कलाकार आरती राना इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ फैशन डिजाइन व टेक्नोलॉजी द्वारा ‘रिवाइविंग थारू इम्ब्रॉएडरी फार लाइवलीहुड’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में कहा कि अपनी जनजातीय कलाओं से नई पीढ़ी को जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में अपनी समृद्ध विरासत का एहसास कराती ये कलाएं धीरे-धीरे बाजार का भी हिस्सा बनती जा रही हैं। यही वजह है कि इनसे जुड़े कलाकारों को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलने लगे हैं। दो दिन की इस कार्यशाला में राना थारू कलाकारी में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के दौरान मंगलवार को कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने कहा कि भारत सरकार जनजातीय कलाकारी को प्रोत्साहन देने के लिए ढेर सारी योजनाएं चला रही हैं।
आज यह कलाकारी रोजगार का हिस्सा बन चुकी है। ऐसे में फैशन डिजाइन की छात्राएं इन कलाकारी को सीखकर अपने हुनर को विस्तार दे सकती हैं। विश्वविद्यालय में इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन सार्थक पहल कही जायेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफशन स्टडीज की निदेशक प्रो. मोना खरे ने आरती राना को न केवल बेहतरीन कलाकार बताया बल्कि उन्हें नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत भी कहा।
इस अवसर पर प्रो. खरे ने सेन्टर ऑफ फैशन डिजाइन द्वारा नौ शॉर्ट टर्म कोर्सेज के प्रारम्भ किये जाने की घोषणा भी की और उनके ब्रोशर का विमोचन किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सेन्टर को-आर्डिनेटर डॉ मोनिषा सिंह ने सेन्टर द्वारा संचालित स्किल इनहैंसमेन्ट एण्ड इंटर प्रेन्योरशिप डेवलपमेन्ट (सीड) कार्यक्रमों की जानकारी दी और अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. नीलम यादव, प्रो. तनवीर जहां सिद्दकी, डॉ धनंजय चोपड़ा सहित सेन्टर के सभी अध्यापकगण व छात्राएं उपस्थित रहीं।