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नई टाउनशिप नीति को ले विभागीय अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय बैठक |
👉कहा- ताकि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा मुहैया कराई जा सके
👉प्रत्येक विकास प्राधिकरण सभी सुविधाओं से युक्त कन्वेंशन सेंटर हेतु कार्य योजना यथा शीघ्र प्रस्तुत करें
लखनऊ । मंगलवार को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में नई टाउनशिप नीति को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक किया और बैठक में उन्होंने नई टाउनशिप नीति को अंतिम रूप देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश में शहरीकरण में तेजी से बढ़ोत्तरी हुयी है। शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबंधी अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक हो गया है। ऐसे में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसे और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न एवं मध्यम आय वर्गों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग तेजी से बढ़ी है , जिसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की भूमिका मत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में यह जरुरी हो जाता है कि निजी पूंजी निवेश के जरिये सुनियोजित नगरीय विकास को काफी प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार होनी चाहिए।
योगी ने आगे कहा कि आवास निर्माण के लिए सबसे जमीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए निवेशकों को प्राथमिकता के आधार पर भूमि की उपलब्धता करने कीआसान प्रक्रिया सरलीकरण होनी चाहिए। भू -उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनयी जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व के अनुभवों के मद्देनजर विभिन्न स्वीकृतियों व अनापत्तियों हेतु सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था भी जरुरी है।
उन्होंने कहा कि भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘वर्टिकल डेवलपमेंट’ को प्राथमिकता देना पड़ेगा । टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक हो और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजनाओं में रियल एस्टेटके अनुभवी लीड मेम्बर अनिवार्यता का प्रावधान बने।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा मुहैया कराई जा सके। साथ ही ग्राहकों के साथ-साथ भू-स्वामियों व किसानों के हितों का भी ध्यान रखा जाये।
उन्होंने इस बात पर अधिक जोर दिया कि प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही उसे पूर्ण करने की समय-सीमा तय होनी चाहिए। यह समय-सीमा सुस्पष्ट हो और सभी के लिए बाध्यकारी बनाया जाये। योजना की शुरुआत के समय कुल परियोजना क्षेत्रफल की न्यूनतम भूमि के सम्बंध में स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए।
योगी ने कहा कि विगत दिनों शासन स्तर पर विभिन्न नगरीय निकायों के सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। ऐसे में उनके भविष्य के दृष्टिगत हमें नए शहरों के स्थापना-विकास की दिशा में भी नियोजित प्रयास करना पड़ेगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नए शहरों की स्थापना के लिए अध्ययन कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने यह कहा कि हाल के दिनों में यूपी केऔद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपेंट के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। विकास प्राधिकरणों को इनसे सीख लेकर अपनी कार्यशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करें । गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्रधिकरणों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र में एक सभी सुविधाओं से युक्त कन्वेंशन सेंटर तैयार करे। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विकास प्राधिकरण इस सम्बंध में अपनी योजना तैयार कर यथा शीघ्र प्रस्तुत करें।