इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक बड़ा फैसला सुनते हुए कहा कि बालिगों को अपनी स्वेच्छा से शादी करने , जीने व एक साथ रहने का अधिकार है |
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का लिव इन रिलेशनशिप में बड़ा फैसला |
Highlights :-
👉पूर्वांचल के जौनपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया, जब बालिग लड़की के पिता ने एक युवक के ऊपर लड़की का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज कराया
👉कोर्ट ने दोनों युवक व युवती द्वारा बालिग होने का हलफ़नामा देने के बाद यह फैसला सुनाया और पुलिस के एफआईआर को रद्द कर दिया
👉न्यायामूर्ति सुनीत कुमार व सय्यद वैज़ मिया के द्वारा संवैधानिक व मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए लिव इन रिलेशनशिप को लेकर फैसला सुनाया गया
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि बालिगों को अपनी स्वेच्छा से शादी करने , जीने व एक साथ रहने का अधिकार है। यह उनका मौलिक अधिकार है। उनके अधिकारों में कोई व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
दरअसल में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के जौनपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया, जब बालिग लड़की के पिता ने एक युवक के ऊपर लड़की का अपहरण करने का मुकदमा दर्ज करा दिया था। इस मामले में कोर्ट ने दोनों युवक व युवती द्वारा बालिग होने का हलफ़नामा देने के बाद यह फैसला सुनाया और पुलिस के एफआईआर को रद्द कर दिया।
इस मामले में कोर्ट ने साफ कहा कि बालिगों को अपनी स्वेच्छा से शादी करने ,जीने व एक साथ रहने का अधिकार है। यह उनका मौलिक अधिकार है। उनके अधिकारों में कोई व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
न्यायामूर्ति सुनीत कुमार व सय्यद वैज़ मिया के द्वारा संवैधानिक व मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया गया।