उत्तर प्रदेश के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हज यात्रा में ‘वीआईपी कोटा’ समाप्त करने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना किया है।
![]() |
सांकेतिक तस्वीर |
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने हज यात्रा में ‘वीआईपी कोटा’ समाप्त करने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना किया है। कहा कि इससे हज यात्रियों के बीच भेदभाव खत्म हो जायेगा, क्योंकि अल्लाह के लिए सभी बन्दे एक समान है। हज यात्रा के लिए पंजीकरण अगले कुछ दिनों में शुरू होने वाला है ।
उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने यहां मंगलवार को कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है क्योंकि इस्लाम में 'वीआईपी संस्कृति' के लिए कोई जगह नहीं है। अल्लाह के दरबार में हर कोई बराबर का बाँदा होता है।’’
हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने आगे कहा, "हज के लिए इंडिया से जाने वाले यात्रियों की संख्या 1,75,025 है, जिनमें केवल लगभग 31,000 उत्तर प्रदेश से ही होते हैं। उत्तर प्रदेश से बीते साल जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग 8,700 थी।’’
इधर, लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मोदी सरकार के इस फैसले को ‘‘सकारात्मक’’बताया है । महली ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''इससे भेदभाव खत्म होगा। हज यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी।''
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी इसकी सराहना की है। कहा - ‘‘हम केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हैं, इससे गरीब मुसलमानों की हज यात्रा के लिए भी रास्ता खुल जायेगा।’’ बरेली स्थित आला हजरत दरगाह के मीडिया समन्वयक नासिर कुरैशी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकर ने हज कोटे को खत्म करने का कदम स्वागत करने योग्य है। उन्होंने कहा कि हज के लिए कोई कोटा नहीं होना चाहिए, जैसे कि नमाज में कोई वीआईपी कोटा नहीं होता है ।
उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने हज कोटे को खत्म करने का विवेकाधीन किया गया फैसला स्वागत योग्य कदम कहा है। उंहोने कहा की इस्लाम सिखाता है कि हर कोई समान है और कोई व्यक्ति वीआईपी नहीं होता है। जब कोई मस्जिद में नमाज पढ़ता है तो अमीर, गरीब और रिक्शा चालक इसे एक साथ पढ़ते हैं।''
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यात्रियों के लिए हज यात्रा को सुचारू और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बता दें कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने पिछले सप्ताह बताया था कि मोदी सरकार ने हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का फैसला किया है ताकि देश के आम लोगों को इससे फायदा हो और अब इस धार्मिक यात्रा में ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ खत्म हो।
उल्लेखनीय है कि ‘वीआईपी कोटे’ के तहत राष्ट्रपति के पास 100 हजयात्रियों का कोटा होता था तो प्रधानमंत्री के पास 75, उप राष्ट्रपति के पास 75 और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के पास 50 का कोटा होता था। इसके अतिरिक्त हज कमेटी के सदस्यों/पदाधिकारियों के पास 200 हजयात्रियों का कोटा होता था। हज के लिए भारत का कोटा करीब दो लाख हजयात्रियों का है।
सबसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories, follow: News in Hindi -👉 Facebook 👉Twitter 👉 Instagram 👉 Teligram.