निलंबित एआरटीओ प्रवर्तन विनय कुमार के ऊपर आरोप है कि सरकारी कार्य में लापरवाही, ओवर लोडिंग पर लगाम नहीं लगा पाने के साथ ही राजस्व वसूली में निष्क्रियता के मामले हैं।
चंदौली /लखनऊ । एआरटीओ प्रवर्तन चंदौली विनय कुमार को आखिरकार शासन से निलंबित होना ही पड़ा। उनके ऊपर लगे आरोप यह रहा कि सरकारी कार्य में लापरवाही, ओवर लोडिंग पर लगाम नहीं लगा पते थे और साथ ही राजस्व वसूली में निष्क्रियता के मामले हैं । निलंबन की अवधि में विनय कुमार को कार्यालय परिवहन आयुक्त लखनऊ से संबद्ध रहने का निर्देश हैं। एआरटीओ के खिलाफ डीएम चंदौली द्वार भी घूस मांगने के एक मामले की जांच शुरू है।
बताया जा रहा है कि आरएस यादव के बाद विनय कुमार दूसरे ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें शासन ने निलंबित किया है। विनय कुमार बतौर एआरटीओ प्रवर्तन तकरीब साढ़े तीन साल से चंदौली में कार्यरत हैं । कुछ दिनों पूर्व ही एक ट्रांसपोर्टर प्रमोद सिंह ने डीएम से एआरटीओ की लिखित शिकायत की थी।
यह भी आरोप लगाया कि एआरटीओ विनय कुमार ने अन्न वितरण योजना का राशन लदा ट्रक पकड़ लिया और राशन को दूसरे ट्रक के पलटी कराने के एवज में 10 हजार रुपये घूस की मांग की थी। हालाँकि, घूस की रकम कार्यालय के कर्मचारी ने एआरटीओ के नाम पर मांगी थी। इसके बाद डीएम ने इस मामले की जांच बैठा दी है। अभी इसका कोई नतीजा भी नहीं निकला कि शासन से उप-परिवहन आयुक्त विधि की रिपोर्ट पर उन्हें निलंबित होना पड़ा।
दरअसल में कुछ दिनों पूर्व उप परिवहन आयुक्त विधि आरके विश्वकर्मा कार्यालय का निरीक्षण करने आए तो एआरटीओ विनय कुमार की लापरवाही सामने आयी थी । राजस्व वसूली से लेकर ओवर लोडिंग रोकने तक के कार्यों में निष्क्रियता देखा गया । उन्होंने शासन को कड़ा पत्र लिखा था , उस आधार पर विनय कुमार को निलंबित होना पड़ा ।