स्वतंत्र भारत विचार मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन " शिक्षा का स्वरूप, समस्या एवं समाधान" विषय पर प्रयागराज में किया गया।
🔷"शिक्षा का स्वरूप, समस्या एवं समाधान "विषय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ आयोजन
🔷पॉवर ऑफ जस्टिस के चीफ एडिटर अरविंद भारद्वाज बोले - "शिक्षा का मूल उद्देश्य व्यक्ति का निर्माण "
प्रयागराज / Purvanchal News Print। स्वतंत्र भारत विचार मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन " शिक्षा का स्वरूप ,समस्या एवं समाधान " विषय पर होटल दर्शन इन प्रयागराज में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में लंदन से पधारे 'स्वतंत्र भारत विचार मंच' के संस्थापक सदस्य एवं कारपोरेट अनिल शर्मा मौजूद रहे।
अपने संबोधन में श्री शर्मा ने कहा कि किसी भी राष्ट्र ,समाज विकास के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। खासकर बुनियादी यानि प्राथमिक शिक्षा का मजबूत होना बहुत जरूरी है। भारत की आजादी के बाद उच्च शिक्षा पर सरकारों ने काफी बल दिया है लेकिन बुनियादी प्राथमिक शिक्षा पर उनका रवैया सदैव ही उदासीन रहा है।
आज आवश्यकता है कि प्राथमिक शिक्षा स्तर पर ही बच्चे के अंदर क्रिटिकल एवं क्रिएटिव थिंकिंग का विकास किया जाए और प्राथमिक स्तर पर ही बच्चों को धार्मिक शिक्षा देते हुए हर धर्म को जानने और समझने का मौका देकर अध्यात्म एवं पाखंड के अंतर को समझाया जा सके।
कार्यक्रम के संयोजक एवं पॉवर ऑफ जस्टिस के संपादक अरविंद कुमार राजभर एडवोकेट उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य व्यक्ति का निर्माण है। जबकि आज के वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमें सिर्फ साधन निर्माण का यंत्र बना रही। व्यक्ति निर्माण हेतु शिक्षा पद्धति पांच प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित होनी चाहिए। ईमानदार , परोपकार, सहयोग, चरित्रवान एवं राष्ट्र निर्माण का भाव हो। तभी हम एक उन्नत व सभ्य समाज का निर्माण कर सकते हैं।
आज हमारे देश में शिक्षा की समस्या के के रूप में समाज स्तर पर आमजन मानस में शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ धन अर्जन हो गया है। समाज में हर व्यक्ति अपने बच्चे को अच्छा डॉक्टर, अच्छा इंजीनियर, अच्छा अधिकारी व अच्छा नेता बनाना चाहता है लेकिन कोई भी व्यक्ति अपने बच्चे को अच्छा इंसान नहीं बनाना चाहता है। सरकारें भी शिक्षा पर संपूर्ण बजट का केवल 3 से 4% ही खर्च करती हैं जबकि शिक्षा का बजट कम से कम 8 से 10% होना चाहिए।
शिक्षण कार्यों में लगे शिक्षकों को सरकार द्वारा अन्य सरकारी कार्य नहीं लिए जाने चाहिए । देश में सामान अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था होना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख रुप से हेमलता पांडे अधिवक्ता उच्च न्यायालय, सानिया बेगम एडवोकेट, विनय पांडे, संदीप शर्मा, कमलेश राजभर, राजेश शर्मा , रज्जन शर्मा, ताराचंद भारद्वाज, कृष्णा शर्मा, राहुल यादव एडवोकेट उच्च न्यायालय आदि रहे।