एसडीएम ज्योति मौर्य के पास अधिक समस्याएं हो सकती हैं। कमेटी ने पति आलोक मौर्य की शिकायत की जांच शुरू कर दी है।
प्रयागराज | एसडीएम ज्योति मौर्य के पास अधिक समस्याएं हो सकती हैं। कमेटी ने पति आलोक मौर्य की शिकायत की जांच शुरू कर दी है। ज्योति मौर्य की कथित डायरी, जिसमें उनके लेनदेन से जुड़े विवरण थे, को आलोक ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के सामने आने वाले दिनों में अधिक चुनौतीएँ हो सकती हैं। पति-पत्नी के तलाक का मुकदमा परिवार न्यायालय में चल रहा है। ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टचार और अवैध वसूली की शिकायत की जांच ने तलाक के मामले में फैसला आने से पहले तेजी से शुरू हो गई है। कमिश्नर की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी ने पति द्वारा अवैध धन उगाही और वसूली की जांच शुरू कर दी है। आलोक से भी उनके आरोपों के संबंध में साक्ष्य मांगे गए हैं, और एसडीएम ज्योति मौर्य को नोटिस भेजा गया है जिसमें संपत्ति का विवरण मांगा गया है। जानकारों का कहना है कि ज्योति को निलंबित भी किया जा सकता है अगर धन वसूली का आरोप साबित होता है।
धूमनगंज थाना क्षेत्र के देवप्रयागम निवासी आलोक मौर्य ने दावा किया है कि ज्योति मौर्य ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का अवैध सौदा किया है। काले धन से उन्होंने कई क्षेत्रों में निवेश किया है और कई जगह संपत्ति बनाई है। लेनदेन का समर्थन करने के लिए उसे लिखापढ़ी के कागजात भी सौंपे गए हैं, जिसमें किस अधिकारी से कितना लेने का विवरण अंकित था।
उन्होंने अवैध लेनदेन पर लिखी गई डायरी के पन्नों को सरकार को भेजा है और सोशल मीडिया पर भी फैलाया है। शासन ने इस मामले की जांच प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को दी है। मंडलायुक्त ने आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद, एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय और एसीएम प्रथम जयजीत कौर के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी है। ज्योति मौर्य का निलंबन हो सकता है अगर उनके पति आलोक मौर्य पर लगाए गए आरोप साबित होते हैं। उनके खिलाफ भी सरकारी जांच हो सकती है। ज्योति के मातहत काम कर चुके मार्केटिंग इंस्पेक्टर और आपूर्ति निरीक्षक से भी पूछताछ होगी। इन लोगों को भी बुलाया गया है।
पीसीएस अधिकारी को नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे उनकी संपत्ति का विवरण पूछा गया है। झलवा में उनके घर की पूरी जानकारी मांगी गई है, साथ ही प्लाट और फ्लैट की भी जानकारी मांगी गई है। नोटिस में जांच में मदद करने की भी अपील की गई है। दोनों को पहले बयान देने के लिए नोटिस भेजा गया है। दोनों के बयान अगले हफ्ते जांच कमेटी की माने तो दर्ज किए जा सकते हैं। दोनों का बयान कमिश्नर आफिस में वीडियो कैमरे की निगरानी में दर्ज किया जाएगा।
उनसे पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक सूची बनाई गई है। ज्यादातर प्रश्न आलोक ने पत्नी ज्योति से पूछे हैं। जांच कमेटी के अध्यक्ष ने आयुक्त प्रशासन को बताया कि दोनों से पहले अलग-अलग पूछताछ की जाएगी। इसके बाद दोनों को देखा जाएगा। फिर दोनों से प्रश्न पूछे जाएंगे। ज्योति से आपत्ति मांगी गई है, जबकि आलोक ने जो आरोप लगाए हैं, उनके बारे में साक्ष्य भी मांगा गया है। जांच कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि जांच जल्द ही पूरी होगी और रिपोर्ट मंडलायुक्त को दी जाएगी।
2019 से 2021 के बीच, ज्योति मौर्य कौशांबी के चायल तहसील में पदस्थ रही हैं। उसने इस दौरान भ्रष्टाचार से प्राप्त धन का हिसाब-किताब अपनी कथित डायरी में लिखा है। ज्योति मौर्य ने अक्तूबर 2021 में केवल एक महीने में 6.4 लाख रुपये अवैध रूप से कमाए हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि मार्केटिंग इंस्पेक्टर प्रति महीने १६ हजार रुपए और सप्लाई इंस्पेक्टर प्रति महीने 15 हजार रुपए मिलते हैं। हर पेज पर हर महीने मिलने वाले और खर्च किए गए धन का विवरण है। यह डायरी अब जांच का विषय है।