लखनऊ : बेटा गिड़गिड़ाता रहा लेकिन रिटायर जज को केजीएमयू में नहीं मिला इलाज !

लखनऊ : बेटा गिड़गिड़ाता रहा लेकिन रिटायर जज को केजीएमयू में नहीं मिला इलाज !

सरकारी अस्पतालों में आम लोगों की छोड़िये जज और जनप्रतिनिधियों को भी आसानी से इलाज मुहैया नहीं हो पा रहा ।कल रिटायर जज को केजीएमयू में इलाज नहीं मिला | उनका बेटा गिड़गिड़ाता रहा| 


लखनऊ । राजधानी के सरकारी अस्पतालों में आम लोगों की छोड़िये जज और जनप्रतिनिधियों को भी आसानी से इलाज मुहैया नहीं हो पा रहा । बीते दिनों डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की अभद्रता के चलते भाजपा एमएलसी को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा था । मामला विधानसभा सत्र में पहुंचा तो एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया । 


वहीं, कल शुक्रवार की रात रायबरेली के रहने वाले रिटायर जज को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी( केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर से ऑक्सीजन बेड खाली न होने की बात कह कर वापस कर दिया गया । करीब आधे घंटे तक जज का बेटा भर्ती करने के लिए डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन उसकी मिन्नतों को अनसुना कर दिया गया ।

 हताश परिजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल ले गए । वहां भी बेड खाली न होने का हवाला देकर लौटा दिया गया ।इसके बाद वे  एक बिचौलिए के चंगुल में फंस कर परिजनों ने रिटायर्ड जज को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है । जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है । 


दरअसल रायबरेली के निरालानगर निवासी राम चन्द्र शुक्ल रिटायर जज हैं । वह वर्ष 2000 में एटा से रिटायर हुए हैं । बेटे अनिल शुक्ला का कहना है कि पिता को हॉर्निया की पुरानी परेशानी है । शुक्रवार को सुबह उन्हें सांस लेने में परेशानी हुई । स्थानीय जिला अस्पताल ले गए । वहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताई । फेफड़ों में भी संक्रमण बताया । 

उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है । डॉक्टरों ने रायबरेली एम्स ले जाने की सलाह दी । एम्स में डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती नहीं किया । जिसके बाद आनन- फानन में परिजन रात 10 बजे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे । करीब आधे घंटे इंतजार के बाद पर्चा बना । तब एम्बुलेंस से उतार कर कैजुअल्टी ले गए । 

यहां डॉक्टरों ने ऑक्सीजन बेड की जरूरत बताई । आरोप है कि नॉन पीजी जेआर ने बेड खाली न होने की बात कहकर मरीज को लौटा दिया । बलरामपुर में भी मिली मायूसी, निजी अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती जज के बेटे अनिल शुक्ल ने बताया कि उनके पिता का ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था ।

 केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में बेड न मिलने की स्थिति में उन्हें फौरन वहां से बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे यहां भी आईसीयू मे बेड खाली नहीं मिला । हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी । 

इसके बाद एक बिचौलिए के माध्यम से उन्हें रात करीब 12 बजे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया । जहां इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है । 

डॉ. संदीप तिवारी, सीएमएस, ट्रॉमा सेंटर, केजीएमयू बोले -

यहां ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है । ऑक्सीजन की बात कहकर मरीज को लौटाने का आरोप बेबुनियाद है । पूरे मामले की जांच कराई जाएगी ।- 


डॉ. अतुल मेहरोत्रा, सीएमएस बलरामपुर अस्पताल कहते हैं -


रात में आईसीयू में कोई बेड खाली नहीं था । उनके परिजनों ने खुद वार्ड में जाकर चेक किया था । आज एक बेड खाली हुआ है । यदि वह आना चाहें तो उन्हें भर्ती कर लिया जाएगा ।- 


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