सत्य , लोकतंत्र और संविधान की जीत, जो राहुल को मिली, भाजपा की साजिश को उजागर करती : कांग्रेस

सत्य , लोकतंत्र और संविधान की जीत, जो राहुल को मिली, भाजपा की साजिश को उजागर करती : कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से राहुल गांधी को मानहानि के मामले में राहत मिलने को लोकतंत्र, संविधान, सत्य और जनता की जीत बताया और आरोप लगाया कि इससे भारतीय जनता पार्टी की साजिश उजागर हो गई है।


नई  दिल्ली | कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से राहुल गांधी को मानहानि के मामले में राहत मिलने को लोकतंत्र, संविधान, सत्य और जनता की जीत बताया और आरोप लगाया कि इससे भारतीय जनता पार्टी की साजिश उजागर हो गई है।



राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई हमेशा जीतती है और वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करते रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे, लेकिन अब देखना यह है कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगते हैं।



राहुल गांधी को 2019 में आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराने पर रोक लगाते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया, जिसमें उनकी कथित विवादित टिप्पणी, "मोदी उपनाम" को लेकर की गई थी।



कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड, में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता न्यायालय से राहत मिलने की खबर सुनते ही एकत्र हो गए। मजदूरों ने ढोल बजाकर उत्सव मनाया। वे पार्टी मुख्यालय पर भी राहुल गांधी अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ पहुंचे थे।



कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित पार्टी के अन्य प्रमुख नेता भी इस मौके पर उपस्थित थे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शीर्ष अदालत का आदेश मिलने के तुरंत बाद ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी की सत्यस्ता को तुरंत बहाल करने की मांग की।



लोकसभा अध्यक्ष ने चौधरी को बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से संबंधित पत्र मिलने के बाद वह कोई फैसला लेंगे। चौधरी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय से आदेश की प्रति प्राप्त करने के बाद वह बिरला से फिर से मिलेंगे। राहुल गांधी की उपस्थिति में, खरगे ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘आज खुशी का, बड़ा दिन है।



राहुल गांधी की जीत अकेली नहीं है। यह वायनाड, लोकतंत्र और भारत की जनता की जीत है। सत्यमेव जयतेकांग्रेस अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘हम फैसले का स्वागत करते हैं। संविधान अभी भी कार्यरत है।



न्याय प्राप्त होने की उम्मीद अभी बाकी है।खरगे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे।’’ अब हम देखेंगे कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे।



लोकसभा अध्यक्ष से आदेश की प्रतीक्षा करेंगे।उससे पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की साजिश सामने आई है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है।’’ मेरे मन में स्पष्टता है कि मैं क्या करना है।



उन्होंने लोगों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि भारत की अवधारणा (Idea of India) की रक्षा करने का अपना दायित्व निभाते रहेंगे, चाहे कुछ भी हो।



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘तीन चीजें लंबे समय तक छिपाई नहीं जा सकती: सूर्य, चाँद और सत्य“माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद,” उन्होंने कहा। सत्यमेव जयते



“फिर से चलेगी सवालों की आंधी, जब राहुल गांधी संसद में लौटेंगे,” कांग्रेस प्रवक्ता और इस मामले में राहुल गांधी के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा। अब हम राहुल गांधी जी से जनता से जुड़े मुद्दों पर संसद में उनकी मुखर आवाज सुनने को उत्सुक हैं।



उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की जगह फैसले के कुछ हिस्सों पर जोर देना चाहिए। सिंघवी ने कहा, ‘‘इस आदेश के बाद विपक्षी नेताओं को अनर्गल तरीके से निशाना बनाने का सिलसिला पूरी तरह नहीं रुका, तो कुछ हद तक जरूर थमेगा।’’



कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राहुल गांधी अब नायक बन गए हैं और आने वाले दिनों में राजनीतिक लड़ाई में उन्हें कोई पराजित नहीं कर सकता है।



पी चिदंबरम, पूर्व गृह मंत्री, ने राहुल गांधी की राहत का स्वागत करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को उनकी सदस्यता तुरंत बहाल करनी चाहिए। राहुल गांधी की गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने का आदेश दिया।



कांग्रेस नेता की मानहानि के मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें उनकी कथित विवादित टिप्पणी "मोदी उपनाम" थी। 



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