Aaj Ka Panchang 5 August: शनिवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 5 August: शनिवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Today Panchang: शनिवार 05 अगस्त 2023 सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है | इस तिथि पर चन्द्रमा मीन राशि में होंगें | 



पूर्वांचल न्यूज प्रिंट |आज  दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो शनिवार के दिन का अभिजीत मुहूर्त 12 :03 मिनट से लेकर 12 :51  मिनट तक रहेगा। जबकि अशुभ समय राहुकाल सुबह 09:06 -10 :46  मिनट तक रहेगा। चंद्रमा की मीन राशि में मौजूद रहेंगे|

हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के जरिये ही समय और काल की सटीक गणना होती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना है। ये पांच अंग माने गए हैं जो इस प्रकार हैं - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। 

आगे हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं|  

 ' माँ दुर्गा ज्योतिषीय संस्थान ' के ज्योतिषचार्य पंडित धर्मेंद्र दीक्षित से जानें विस्तृत पंचांग :- 

तिथि चतुर्थी  09 :40 तक
पक्ष:शुक्ल
वार :शनिवार  
नक्षत्र :उत्तरभाद्र पक्ष  26  :54 तक
प्रथमकरण  बालवा 09  40 तक
द्वितिय करण:कौवाल  2 0 :20 तक
योग सुकर्मा  12:11 तक
सूर्योदय 05 :46 बजे
सूर्यास्त : 19 :08  
चन्द्रास्त :प्रातः 9 :35
च्नद्रोदय :रात्रि 10 :00  
चंद्र राशि: मीन 
 
विक्रमी संवत् 2080 
शक सम्वत 1944 
शालिन वाहन शके :1945 सोभाकृत

मास श्रावण (अधिकमास) 
ऋतु :वर्षा 
अयन :दक्षिणायन 
अमान्ता महीना :आषाढ़ा
पूर्णिमांत:आषाढ़ा
सूर्य राशि :कर्क
चन्द्र राशि:मीन 

🔷अशुभ मुहूर्त

राहुकाल -सुबह 09:06 -10:46  मिनट तक 
गुलिक काल :सुबह 10 :30  − 12:00 
यमगण्ड:सुबह 07 :30  − 09 :
दूर मुहूर्तम्:सुबह 06 :57 − 07 :42 
भद्रा काल:सुबह 08 :02− 06 :10

🔷शुभ मुहूर्त

अभिजीत:दोपहर 12 :00 से 12 :59 
अमृत काल:दोपहर 3 - 49 मिनट -5 : 27 मिनट
ब्रह्म मुहूर्त : 5 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 6 मिनट 


🔷दिशा शूल (Disha Shul) : उत्तर  दिशा 

 आज का मंत्र (Mantra in Hindi)


मंत्र : 'ॐगं गणपतये नमः ' गणेश चालीसा ' का पाठ करें |  मन्त्र का 108 बार जाप करें। 

आज का व्रत :- बुध  | 

आज का उपाय : गणेश जी का दर्शन कर उन्हें  दुर्बा व मोदक चढ़ाएं | मन्त्र का जप करें | शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं |   

( यह रिपोर्ट फेमस व चर्चित किताबों के अध्ययन व प्रकांड ज्योतिषीय विद्वानों से बातचीत पर आधारित है। यह लेख किसी तरह के दावा का समर्थन नहीं करता है, यह मात्र एक साधारण जानकारी है, जो आप को दी गई है) | 


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