एसआर दारापुरी की गिरफ्तारी के खिलाफ व रिहाई की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला

एसआर दारापुरी की गिरफ्तारी के खिलाफ व रिहाई की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला

ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईजी एस.आर. दारापुरी और उनके सहयोगी पत्रकार सिद्धार्थ रामू व राजनीतिक कार्यकर्ता श्रवण कुमार निराला जैसे अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।


👉जनमुद्दों को उठाने वालों का प्रदेश में हो रहा है उत्पीड़न: विपक्ष

👉डीएम चंदौली के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया भारत गणराज्य को भेजा पत्र


चन्दौली | सपा , माकपा  , भाकपा , आईपीएफ व नागरिक समाज का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी चंदौली के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया भारत गणराज्य को पत्र भेजा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में अपने राजनीतिक विरोधियों खासतौर पर जो लोग जनमुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेत मजदूर और गरीब किसानों के लिए जमीन के अधिकार के सवाल को उठाते हैं उनका हर तरह से प्रशासनिक उत्पीड़न कर रही है। 

इसी सोच के तहत ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईजी एस.आर. दारापुरी और उनके सहयोगी पत्रकार सिद्धार्थ रामू व राजनीतिक कार्यकर्ता श्रवण कुमार निराला जैसे अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पत्र में कहा कि गोरखपुर में इन सबकी गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार को राजनीतिक मान्यता और मर्यादा की भी कतई परवाह नहीं है और सीधे-सीधे कानून सम्मत कार्यवाही की जगह अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर शासन करती है।

अन्यथा कोई कारण नहीं है कि 10 अक्टूबर 2023 को कमीशनरी प्रांगण में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई सभा को सम्बोधित करने वाले दारापुरी जी जैसे जिम्मेदार नागरिक को दूसरे दिन गिरफ्तार करके 307 के तहत जेल भेजा जाता। उन्हें विदेशी ताकतों से सांठ गांठ करने वाले के बतौर भी पेश करने की कोशिश हो रही है जबकि उनकी नागरिकता और देशभक्ति की प्रमाणिकता दशकों तक बतौर आईपीएस प्रशासनिक भूमिका निभाने में दर्ज है।  


ज्ञातव्य है कि 10 अक्टूबर को मजदूर, दलित नागरिकों की भूमि अधिकार के सरोकार को लेकर जो आम सभा बेहद शांतिपूर्ण वातावरण में हुई उसके आयोजन और सम्बोधन करने वालों को 307 जैसे अपराध में गिरफ्तार किया गया और 82 वर्षीय दारापुरी जी जो पार्किंसन जैसी गम्भीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें जेल भेज दिया गया। लोकतंत्र के लिए चीजें कितनी भयावह होती जा रही हैं वह इसी बात से साफ होता है कि सरकार के उच्च ओहदों पर बैठे हुए लोगों के निर्देशन पर बिना तथ्य और प्रमाणिकता के आधार पर गम्भीर आपराधिक मुकदमें लगाए गए और जेल भेज दिया गया।

प्रतिनिधिमंडल में सपा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राय , माकपा जिला सचिव शम्भु नाथ यादव , भाकपा जिला सचिव शुकदेव मिश्रा , आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय व अखिलेश दूबे ,कई बार जिला पंचायत सदस्य रहें तिलकधारी बिंद , नागरिक समाज के शमीम मिल्की , इंद्रजीत शर्मा ,सपा के जिला सचिव सुदामा यादव , मुगलसराय विधानसभा अध्यक्ष तसलीम अंसारी जी , बैजनाथ यादव , प्रेमनाथ तिवारी ,विजयी यादव सहित कई पार्टियों के नेता शामिल रहें !

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