केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से आश्वासन मिलने के बाद अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने शांति मार्च को स्थगित कर दिया है |
लखनऊ, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट । किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में गुरुवार को प्रस्तावित शांति मार्च स्थगित हो गया। बताया जा रहा है कि केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से आश्वासन मिलने के बाद अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने शांति मार्च को स्थगित कर दिया है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। यह शांति मार्च केजीएमयूू से लेकर राज भवन तक निकालने की प्लान था।
उल्लेखनीय हो कि केजीएमयू में शिक्षकों की भर्ती में राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के नियमों की अनोखी करने का भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने खुला आरोप लगाया है। इस वजह से गुरुवार को शांति मार्च निकालने का फैसला भी लिया गया था, लेकिन भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने केजीएमयू कि कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से वार्ता होने के बाद शांति मार्च का फैसला फिलहाल स्थगित कर दिया गया है ।
महासंघ के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल ने अनुसार राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने निर्देश दिया था कि केजीएमयू में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में बैकलॉग की भर्ती सामान्य विज्ञापन की प्रक्रिया से पहले की जाए, आयोग ने यह निर्देश इसी साल मई महीने में यह निर्देश दिया था। जबकि शिक्षकों के भर्ती प्रकरण पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने केजीएमयू प्रशासन से पूरे मामले की भी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन केजीएमयू प्रशासन की तरफ से उसका जवाब भी नहीं दिया ।
इस वजह सेचलते महासंघ ने शांति मार्च निकालने का फैसला लिया था,लेकिन केजीएमयू की कुलपति के तरफ से 10 दिन में भर्ती की कार्रवाई स्थगित करने का जब आश्वासन दिया गया तब शानित मार्च स्थगित कर दिया गया | यह चेतावनई दी गई है कि उनकी मांगों पर केजीएमयू प्रशासन गंभीरता से नहीं लेता है तो आगे आंदोलन ही एक रास्ता बचेगा, इसके लिए केजीएमयू प्रशासन जिम्मेदार होगा।