Chhath Puja 2023 : नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हुआ , पूजा विधि व प्रमुख तिथियां के बारें में जाने डिटेल

Chhath Puja 2023 : नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हुआ , पूजा विधि व प्रमुख तिथियां के बारें में जाने डिटेल

यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में आज शुक्रवार से सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ नहाय खाय से शुरू हो गया है | 

Chhath Puja 2023 : नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हुआ , पूजा विधि व प्रमुख तिथियां के बारें में जाने डिटेल
नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हुआ

लखनऊ | यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में आज शुक्रवार से सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ नहाय खाय से शुरू हो गया है। छठ में व्रत रहने वाले पहले दिन गंगा में स्नान करेंगे। शनिवार को लोहंडा खरना पर दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को सूर्य की उपासना कर प्रसाद ग्रहण होगा  | 

परसों रविवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा । फिर 20 नवंबर सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर आरोग्य, यश और संपदा का आशीर्वाद मिलेगा । इसके साथ ही पर्व का समापन हो जायेगा । खरना शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा ।जबकि,  व्रत धनिष्ठा नक्षत्र में सोमवार को समाप्त होगा।

छठ पूजा में सूर्य की उपासना से छठी माता प्रसन्न होकर परिवार में सुख-शांति, धन-धान्य व शांति सहित सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव की शुभ मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल का प्राप्ति होती है। इनकी उपासना से शत्रु का नाश, रोग, कष्ट का नाश और सर्वार्थ सिद्धि की प्राप्ति हो जाती है।


Chhath Puja 2023 : नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हुआ , पूजा विधि व प्रमुख तिथियां के बारें में जाने डिटेल
फाइल फोटो 

ज्योतिषचार्य बताते हैं कि पंचांग के अनुसार धृत योग, जायद योग व रवि योग में नहाय खाय का योग बना हुआ है। इस दिन गंगा में स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी, आंवला की चटनी का प्रसाद ग्रहण किया जाता है । इसके साथ ही अनुष्ठान की शुरुआत होती है। इस दिन गेंहूं को गंगाजल से धूलकर सूखाने की प्रथा भी है। गेहूं को कोई पक्षी, कीड़े-मकोड़े न छूएं इसके लिए व्रती अपने स्वजनों के साथ पारंपरिक गीत गाते हुए रखवाली भी करते हैं 

ये है छठ पर्व की प्रमुख तिथियां

नहाय-खाय- शुक्रवार 17 नवंबर
खरना- शनिवार 18 नवंबर
संध्या अर्घ्य- रविवार 19 नवंबर
प्रातः अर्घ्य- सोमवार 20 नवंबर  

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