अमड़ा में सोमवार को हर वर्ष की भांति रामलीला समिति द्वारा आयोजित 77 वें वर्षगांठ के प्रथम दिन 13 नवंबर को कलाकारों ने धनुष यज्ञ का मंचन किया।
![]() |
धनुष यज्ञ सीता स्वयंबर में धनुष भंग करते श्री राम चंद्र जी |
By-Diwakar Rai /ब्यूरो चीफ चंदौली
बरहनी ब्लॉक क ग्राम सभा अमड़ा में सोमवार को हर वर्ष की भांति रामलीला समिति द्वारा आयोजित 77वें वर्षगांठ के प्रथम दिन 13 नवंबर को कलाकारों ने धनुष यज्ञ का मंचन किया। राजा जनक ने स्वयंवर में शर्त रखी कि जो इस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देगा उससे जानकी सीता का विवाह कराया जाएगा। इसपर स्वयंवर सभा में रावण- बाणासुर में वाक युद्ध प्रारंभ हो जाता है, रावण बाणासुर दोनों ही धनुष को नहीं तोड़ सके।
इसके अलावा सभा में उपस्थित एक से बढ़कर एक राजाओं ने बारी-बारी से धनुष को तोड़ने की कोशिश की लेकिन सभी लोग असफल रहे। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने धनुष को उठाकर तोड़ दिया तत्पश्चात सीता ने वरमाला राम को पहनाई । धनुष टूटने पर परशुराम के क्रोध और लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन किया गया।
![]() |
धनुष यज्ञ सीता स्वयंबर में धनुष भंग होने पर परशुराम जी का क्रोधित होना लक्ष्मण संवाद |
रामलीला में राम की भूमिका का निर्वहन हरिओम पाठक ने किया वहीं लक्ष्मण की भूमिका मे ऋषभ सिंह, परशुराम की भूमिका में घनश्याम यादव, जनक की भूमिका में विशाल सिंह, साधु राजा की भूमिका में राम अवतार सिंह, दुष्ट राजा की भूमिका में दिग्विजय सिंह, रावण की भूमिका में शशिकांत यादव , सीता की भूमिका में किशन जायसवाल ,विश्वामित्र की भूमिका में मृत्युंजय सिंह, शतानंद की भूमिका में विष्णु, बाणासुर की भूमिका में राजकुमार ने मंचन किया।
![]() |
धनुष भंग के बाद श्री रामचंद्र जी को सखियों संग सीता स्वयंबर में वरमाला पहनाती सीता जी |
पात्रों द्वारा किए गए मंचन से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये । व्यास एवं निर्देशक की भूमिका में बलराम पाठक, यशवंत पाठक रहें। इस अवसर पर अनिल सिंह, शिवानंद सिंह, शिवकांत सिंह, अंकित सिंह, आकाश सिंह,पप्पू जायसवाल ,रामबचन सिंह, समर बहादुर सिंह, अभिनंदन पांडे,विनोद सिंह, अरविंद सिंह, पप्पू खरवार, पवन सिंह,अधिक संख्या में दर्शक लोग उपस्थित रहे ।