69000 शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की विसंगति में संशोधन के बाद नियुक्ति न मिलने से नाराज चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को एक बार फिर भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
लखनऊ,पूर्वांचल न्यूज प्रिंट । 69000 शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की विसंगति में संशोधन के बाद नियुक्ति न मिलने से नाराज चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को एक बार फिर भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन किया। जिससे कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया। अभ्यर्थियों का हंगामा बढ़ने पर पहुंची पुलिस ने उन्हें जबरन हिरासत में लिया। हालाँकि, बाद में इन सभी अभ्यर्थियों को इको गार्डन भेज दिया गया है।
दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति के कारण नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के करीब 100 अभ्यर्थी सोमवार को अचानक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पहुंच गये और प्रदर्शन शुर कर दिया । अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर भाजपा नेतृत्व से मिलने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के कारण विधानसभा के मुख्य मार्ग पर कुछ देर के लिए आवागमन ठप हो गया। वहीं प्रदर्शन की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर इको गार्डन ले गयी।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले के कारण उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी, जबकि आरोप है कि सरकार ने विसंगति को दूर करते हुए 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की एक चयन सूची जारी कर नियुक्ति देने की बात कही थी। मंत्री और अधिकारी बार-बार मुलाकात में केवल आश्वासन ही देते हैं लेकिन मामले को निस्तारित नहीं कर रहे, जिस कारण यह प्रदर्शन बार-बार किया जा रहा है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विजय यादव और अमरेंद्र पटेल ने कहते हैं कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई। जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित होना पड़ा ।
इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दे दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची भी जारी हुयी अंतिम , लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका। हमारी यह मांग है की सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति का एलान कर आगे बढ़े।