भारत में हर साल 26 नवंबर को "संविधान दिवस" मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान लिखने में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। भारत के संविधान को बनाने में डॉ. अंबेडकर का योगदान किसी और के योगदान से कहीं ज्यादा है। वह संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष भी थे।
संविधान के प्रारूपण में उनकी जबरदस्त मेहनत ने उन्हें ‘संविधान का पिता’ भी बना दिया। इसलिए भारत सरकार ने नवंबर 2015 में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया। इस संबंध में एक आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना 19 नवंबर, 2015 को जारी की गई थी।
भारत के संविधान दिवस के अवसर पर, हमें अपने संविधान के महत्व को समझना चाहिए। संविधान भारत के लोगों के लिए सर्वोच्च दस्तावेज है। इसके अलावा संविधान दिवस मनाकर, लोगों को न केवल संविधान के महत्व का एहसास होता है, बल्कि बी. आर. अंबेडकर के साथ ही साथ महापुरुषों को भी याद करने का मौका मिलता हैं।
भारत में संविधान दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन भारत के विभिन्न शहरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
संविधान दिवस पर महत्वपूर्ण घटनाएं
भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। इस दिन भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में भारत की संविधान सभा ने इसे मनाया जाता है।
भारत के संविधान में क्या है?
भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में केवल 470 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं और ये 25 भागों में विभाजित हैं। भारत के संविधान में भारत के नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। इसके अलावा संविधान भारत के संवैधानिक ढांचे को भी निर्धारित करता है।