उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य के कई जिलों में 17 और 18 फरवरी को आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी और छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया।
लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को राज्य के कई जिलों में 17 और 18 फरवरी को आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी और छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया।
सरकार के इस फैसले पर हमला बोलते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पहले बीजेपी कह रही थी कि दस्तावेज लीक नहीं हुए तो अब कैसे मान लें | इसका मतलब यह था कि अधिकारी और अपराधी आपस में मिले हुए थे और पीछे से सरकार का हाथ भी उनके सिर पर था।
सोशल वेबसाइट मंच X पर पोस्ट शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, ''यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होना युवाओं की जीत और बीजेपी सरकार में बदमाशों की हार है.'' इससे पहले बीजेपी के लोगों का कहना था कि दस्तावेज लीक नहीं हुए तो अब कैसे स्वीकार कर सकते हैं| इसका मतलब यह था कि अधिकारी और अपराधी आपस में मिले हुए थे और पीछे से सरकार का हाथ भी उनके सिर पर था। लेकिन तमाम सबूतों के सामने सरकार को चुनाव में ऐतिहासिक हार से बचने के लिए झुकना पड़ा |
यूपी पुलिस आरक्षी परीक्षा का निरस्त होना युवाओं की जीत है और भाजपा सरकार के प्रपंचों की हार। पहले तो भाजपाई कह रहे थे पेपर लीक ही नहीं हुए तो अब कैसे मान लिया। इसका मतलब अधिकारी और अपराधी मिले हुए थे और सरकार भी पीछे से अपना हाथ उनके सिर पर रखे हुई थी। लेकिन तमाम सबूतों के आगे…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 24, 2024
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रोजगार के नाम पर बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के साथ जो खेल खेल रही है, उसकी सच्चाई अब सभी को समझ में आने लगी है | दिखावे के लिए नौकरियाँ निकालना, लाखों रुपये की फीस वसूलना, दस्तावेजों को लीक होने देना और फिर उन्हें रद्द करने का नाटक करना... यह खेल इस बार भाजपा को बहुत महंगा पड़ेगा। इस बार युवाओं ने तय कर लिया है कि वे न तो मूर्ख बनेंगे और न ही भाजपा के किसी जाल में फंसेंगे। आने वाले सभी चुनावों में युवा भाजपा को हराकर हमेशा के लिए हटा देंगे।
सपा प्रमुख ने कहा कि युवा कह रहे हैं कि फीस के नाम पर लिया गया पैसा बीजेपी का चुनावी फंड न बन जाए, इसलिए उम्मीदवारों के फॉर्म जमा कराए जाएं, लेकिन बीजेपी सरकार को फीस का पैसा अभी और कब वापस करना चाहिए.