आप भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री आवास के लिए आवेदन, जानें क्या हैं नये नियम?

यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और आपके पास घर नहीं है तो आप मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को लेकर सरकार ने नया शासनादेश जारी कर दिया है |
आप भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री आवास के लिए आवेदन, जानें क्या हैं नये नियम?
आप भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री आवास के लिए आवेदन, जानें क्या हैं नये नियम?

लखनऊ |  यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और आपके पास घर नहीं है तो आप मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को लेकर सरकार ने नया शासनादेश जारी कर दिया है. नए शासनादेश के मुताबिक, अगर आपके परिवार में दो लोग दिव्यांग हैं तो आपको मुख्यमंत्री आवास योजना में प्राथमिकता दी जाएगी.

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर आदेश जारी

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के बाद यह निर्णय लिया गया है कि यदि परिवार में एक से अधिक दिव्यांग व्यक्ति हैं तो उस परिवार को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री के दौरे कार्यक्रम और जनता दर्शन के दौरान दिव्यांगों द्वारा लगातार स्थायी आवास की मांग उठायी गयी थी. इसे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संज्ञान में लिया। इसके बाद दिव्यांग लोगों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की प्राथमिकता श्रेणी में शामिल किया गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में दिव्यांग लोगों को आवास आवंटित किये गये।

जानिए सरकार का आदेश क्या है

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के क्रियान्वयन हेतु लाभार्थियों की सुविधा एवं चयन हेतु समय-समय पर शासनादेश जारी किये गये थे। जिसके तहत योजना के तहत निर्धारित विभिन्न प्राथमिकता पात्रता श्रेणियों में वर्गों, समुदायों, जातियों और जनजातियों को शामिल किया गया है।

शासन द्वारा जारी शासनादेशों के तहत मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में निर्धारित प्राथमिकता पात्रता श्रेणी में पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिलाओं (18 से 40 वर्ष आयु) को शामिल किये जाने के संबंध में एवं विकलांगता श्रेणी. निम्नलिखित प्रावधान जोड़े गए हैं.

पात्रता को लेकर ये हैं नए नियम

"यदि परिवार में एक से अधिक विकलांग व्यक्ति हैं, तो उस परिवार को मुख्यमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के तहत प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, यदि संबंधित जिले को आवंटित लक्ष्य से अधिक पात्र विकलांग व्यक्ति हैं, तो सबसे गरीब दिव्यांग व्यक्ति को जिले द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश ग्रामीण विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी कर दिया गया है।

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