राजधानी के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच द्वारा आज रविवार को ' पटेल एवं सामाजिक समरसता ' विषय पर राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित किया गया।
मुख्य बातें :-
➧महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस बोले , वर्ण-भेद एवम वर्ग-भेद के कट्टरविरोधी थे सरदार पटेल
➧पूर्व की सरकारों ने नहीं दिया सरदार पटेल को सम्मान : पंकज चौधरी
➧ वक्ताओं ने कहा - संख्या बल के आधार पर मिले पटेल समाज को सत्ता से लेकर विभिन्न संस्थाओं एवं आयोगों में प्रतिनिधित्व
➧ ' पटेल एवं सामाजिक समरसता ' विषय पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन
लखनऊ। इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच द्वारा रविवार को ' पटेल एवं सामाजिक समरसता ' विषय पर राष्ट्रीय बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन के समय महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा की यह बुद्धिजीवी मंच साल 2018 से सामाजिक समरसता बनाने में सतत प्रत्यनशील है एवं सरदार पटेल की विचारधारा को आधार बनाकर कार्य करता आ रहा है।
मंच विभिन्न माध्यमों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से समाज की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे अखण्ड भारत के निर्माता लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का मत था कि एकता के बिना जनशक्ति एक ताकत नहीं है। वे वर्ण-भेद एवम वर्ग-भेद के कट्टरविरोधी थे तथा अन्याय नहीं सहन कर पाते थे। आज भी उनके आदर्शों पर चलते हुए एकजुट होकर प्रयास करें तो सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास शीघ्र संभव है |
कार्यक्रम में पधारे राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरदार पटेल किसी एक समाज के नेता नहीं थे, उनको पहले वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। वह सम्मान वर्तमान सरकार ने उन्हे दिया है|
आशीष पटेल, प्रावाधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश को सुदृढ़ एवं विकसित बनाने में सामाजिक समरसता आवश्यक है और मंच द्वारा पटेल समाज को दिशा देने के लिए मंच की सराहना की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अरुण कुमार सिन्हा, पूर्व आईएएस सेवानिवृत्त एवं संस्थापक संरक्षक बौद्धिक विचार मंच ने मुख्य अतिथि एवं कार्यकम में आये अतिर्थियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि अगले चरण में मंच बौद्धिक एप लांच कर रहा है। साथ ही गांव-गांव चेतना रैली आयोजित कर सामाजिक समरसता का संदेश हर गांव में पहुँचाया जायेगा।
संस्था के महामंत्री जगदीश शरण गंगवार मंच के मुख्य उद्देश्यों के बारे में प्रकाश डाला और कहा - उत्तर प्रदेश में पटेल समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत से अधिक है, अतः संख्या बल के आधार पर विभिन्न संस्थाओं एवं आयोगों में प्रतिनिधित्व हेतु ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से समाज का आज तक कोई राज्यपाल नहीं बनाया गया, अतः बनाया जाये। केन्द्र में उत्तर प्रदेश से कैबिनेट मंत्री बनाया जाये एवं विधायको की संख्या के आधार पर मंत्री, सदस्य राज्यसभा, सदस्य विधान परिषद बनें। विभिन्न चयन आयोगों, भर्ती संस्थाओं एवं वैधानिक संस्थाओं में भी समाज को प्रतिनिधित्व मिले।
डा.क्षेत्रपाल गंगवार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंच समाज में जागरूकता फैलाने एवं उसके उत्थान के लिए तत्पर है एवं निरंतर कार्य करता रहेगा।
कार्यक्रम में सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, सभासद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पूर्व आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, पीसीएस, चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यवसायी, शिक्षाविद, प्रगतिशील किसानों सहित लगभग दो हजार बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महामंत्री उमेश कुमार, उपाध्यक्ष वीआर वर्मा,रविंद्र सिंह गंगवार, कोषाध्यक्ष आर एल निरंजन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मंच संचालन योगेंद्र सचान व डॉ अनूप सचान ने किया।
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