अनिश्चितकालीन धरना के 64 वां दिन किसानों ने भू अर्जन पदाधिकारी के किसानों को भ्रमित करने का लगाया आरोप

अनिश्चितकालीन धरना के 64 वां दिन किसानों ने भू अर्जन पदाधिकारी के किसानों को भ्रमित करने का लगाया आरोप

मुआवजा की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना कर रहे किसानों ने 64 वां दिन धरना जारी रखा। भू अर्जन पदाधिकारी के द्वारा गैर कानूनी बयान देकर आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश किया |

अनिश्चितकालीन धरना के 64 वां दिन किसानों ने भू अर्जन पदाधिकारी के किसानों को भ्रमित करने का लगाया आरोप
अनिश्चितकालीन धरना के 64 वां दिन किसानों ने भू अर्जन पदाधिकारी के किसानों को भ्रमित करने का लगाया आरोप

भभुआ / बिहार। मुआवजा की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना कर रहे किसानों ने 64 वां दिन धरना जारी रखा। धरना में शामिल किसानों ने अखबार में भू अर्जन पदाधिकारी का निकले बयान की निंदा की किसानों ने कहा अधिकारियों के द्वारा किसान आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। 

किसानों ने कहा अधिकारियों को अखबार में बयान देते हुए कानून की जानकारी रखनी चाहिए। दादरा गाजीपुर वहेरा आदि गांवों के दर्जनों किसान पीएनसी कंपनी कैम्प स्थल मसोई में धरना पर बैठे रहे। धरना पर बैठे किसानों ने कहा उचित मुआवजा मिलने तक आंदोलन चलता रहेगा। भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे वाराणसी रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए किसानों को मुआवजा देने के लिए किसान किसी तरह के कागजात भू अर्जन कार्यालय में नहीं जमा कर रहे हैं।

 जानकारी के अनुसार कैमूर जिले में कुल 1660 किसानों को मुआवजा देने के लिए पहला नोटिस दिया गया है।1660 किसानों ने आंदोलन के चलते भू अर्जन कार्यालय में किसी प्रकार का दस्तावेज नहीं जमा किया है। दस्तावेज नहीं जमा करने पर किसानों को दुसरा नोटिस दिया जा रहा है। दुसरे नोटिस के संबंध में अखबार में भू अर्जन पदाधिकारी मो उमेर बयान देते हुए कहा है किसान दुसरे नोटिस के बाद अगर कागजात जमा नहीं करता है तो किसान की मुआवजा की राशि कोर्ट में जमा कर जाएगी। किसानों को भू अर्जन पदाधिकारी के बयान पर आपत्ति जताई है। किसानों ने कहा भूमि अधिग्रहण में एनएचएआई एक्ट में इस तरह का कोई कानून नहीं है।

 किसानों ने कहा इस तरह का बयान देकर भू अर्जन पदाधिकारी किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। भू अर्जन पदाधिकारी के बयान से दुःखी पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने बयान की कड़े शब्दों में निन्दा की। उन्होंने ने कहा कैमूर जिले में सैकड़ों किसान भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा को लेकर दो सालों से आंदोलन कर रहे हैं। पशुपति नाथ सिंह ने कहा भू अर्जन पदाधिकारी का बयान किसानों के आंदोलन कमजोर करने का प्रयास है। 

भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण एवं एन एच 219 बाईपास एवं चौरी करण में किसानों की 2000 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहीत की गई है। अधिग्रहण की गई भूमि में किसानों को बाजार मूल्य से बहुत ही कम मुआवजा दिया जा रहा है। 

अनिश्चितकालीन धरना में छोटु प्रजापति अवधेश कुमार सिंह चन्दन पटेल श्याम सुन्दर सिंह भुपेंद्र सिंह राजु कुमार रामकुमार सिंह गोर्वधन सिंह विलेन्द्र बिंद राम सुंदर राम अनिल कुशवाहा आदि दर्जनों किसान शामिल हुए।

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