Typhoid fever के इलाज में Tomato बहुत है कारगर : आचार्य डॉ. मदन गोपाल बाजपेई

Typhoid fever के इलाज में Tomato बहुत है कारगर : आचार्य डॉ. मदन गोपाल बाजपेई

बदलते मौसम में टाइफाइड बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जो लोगों को अपने चपेट ले रहा है। थोड़ी सी सावधानियां बरतने से इस बुखार से बचाव किया जा सकता है। 

फोटो -आचार्य डॉ मदन गोपाल बाजपेई
हेल्थ टिप्स : बदलते मौसम में टाइफाइड बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जो लोगों को अपने चपेट ले रहा है। थोड़ी सी सावधानियां बरतने से इस बुखार से बचाव किया जा सकता है। 

यह उक्त विचार गंभीर रोगो से ग्रसित रोगियों को नया जीवन देने वाले चर्चित आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट के संस्थापक व हजारों शिष्यों के परम गुरु तथा आज के युग के आयुर्वेद चिकित्सा जगत के कहे जाने वाले चरक आचार्य डा. मदन गोपाल वाजपेई ने जन हितार्थ अपने प्रिय शिष्यों के बीच व्यक्त कर जानकारी दिया। 

आगे बताया कि एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि टमाटर का जूस टाइफाइड बुखार से निदान दिलाने में बहुत कारगर साबित हो रहा है। इस बुखार का प्रभाव रोगी के अग्नाशय, आमाशय, आंते और मस्तिष्क तक हो जाता है। यदि समय रहते चिकित्सा नहीं किया गया तो रोगी की किडनी प्रभावित होने के साथ हार्ट अटैक का खतरा तक बढ़ जाता है। 

इसे मन्थर ज्वर या आंत्रिक ज्वर कहते हैं। इसका मुख्य लक्षण ठंड के साथ तेज बुखार, सर और पेट में भारी दर्द, शरीर में कमजोरी, भूख न लगाना, मिचली - उल्टी और दस्त होना अमूमन होता है।  इसके बचाव के लिए स्वयं की साफ सफाई पर ध्यान रखना चाहिए। सलाद का सेवन, नल का ठंडा पानी, ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ और मांसाहार का कतई सेवन नहीं करना चाहिए। 

हमेशा उबला हुआ पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। वैज्ञानिक रिसर्च में यह भी पाया गया है कि टमाटर का रस पाचन तंत्र और यूरिनरी ट्रैक को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया से बचता है। क्योंकि टमाटर का रस आंत में पाए जाने वाले अन्य रोगजनकों के खिलाफ अच्छी तरह से काम करता है। 

देसी लाल टमाटर का रस 25 से 50 एमएल तक अदरक के रस के साथ दिन में दो से तीन बार सेवन करना चाहिए। इस दौरान एक घंटा पूर्व और एक घंटा बाद तक कुछ भी नही लेना चाहिए। रोगी को सभी प्रकार के पथ्य पालन करना चाहिए और आहार में फल व सूप ही लेना चाहिए। वहीं रोगी को पूर्ण आराम करना चाहिए। वैसे टाइफाइड बुखार का स्थाई ईलाज आयुर्वेद चिकित्सा में सुलभ है। इस आयुर्वेद चिकित्सा से पुनः टाइफाइड बुखार होने की संभावना नहीं रहती है। 

वहीं अंग्रेजी  दवा में एंटीबायोटिक के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि एंटीबायोटिक का ज्यादा सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जो उसके जीवन में संकट खड़ा कर देती है।

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