देश का विभाजन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक माना जाता है। यह सिर्फ दो देशों का बंटवारा नहीं था, बल्कि घरों, परिवारों, रिश्तों और भावनाओं का बंटवारा था। रातों-रात लोगों की किस्मत बदल गई.
पूर्वांचल न्यूज प्रिंट / नई दिल्ली। देश का विभाजन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक माना जाता है। यह सिर्फ दो देशों का बंटवारा नहीं था, बल्कि घरों, परिवारों, रिश्तों और भावनाओं का बंटवारा था। रातों-रात लोगों की किस्मत बदल गई. कुछ को बेघर कर दिया गया और कुछ को नफरत की तलवार से काट दिया गया। किसी का भाई सीमा पार कर गया तो कोई अपना परिवार छोड़कर इस ओर आ गया.
एक रात तक भाई-भाई की तरह रहने वाले दो समुदाय के लोग अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनों समुदाय के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी कि उसे पाटने की कोई भी कोशिश आज तक सफल नहीं हो पाई है.
विभाजन की इस दुखद कहानी में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 14 से 15 जून 1947 को नई दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में विभाजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आजादी के नाम पर अंग्रेजों ने ऐसा घाव दिया जो कभी नहीं भरेगा।
दुनिया के इतिहास में 15 जून की तारीख पर दर्ज कई महत्वपूर्ण घटनाएं हैं, जिसका सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1896: यह जापानी इतिहास के सबसे विनाशकारी भूकंप का रहा , जिनमें सुनामी में 22,000 लोग मारे गये।
1908: इसी साल कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज खुला।
1947: अखिल भारतीय कांग्रेस ने आज के ही दिन नई दिल्ली में भारत के विभाजन की ब्रिटिश योजना को स्वीकार कर लिया था ।
1954: यूरोपीय फुटबॉल संगठन यूईएफए (यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन) का गठन क्या गया ।
1971: ब्रिटिश संसद में मतदान के बाद स्कूलों में बच्चों को मुफ्त दूध उपलब्ध कराने की योजना को समाप्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ . हालांकि, भारी विरोध के चलते इसे सितंबर में ही लागू किया जा सकेगा।
1982: फ़ॉकलैंड में अर्जेंटीना की सेना ने ब्रिटिश सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
1988: नासा ने एस-213 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया।
1994: इज़राइल और वेटिकन सिटी के बीच राजनयिक संबंध स्थापित।
1997: आज के ही दिन आठ मुस्लिम देशों द्वारा इस्तांबुल में डी-8 नामक संगठन का गठन किया गया था ।
1999: लॉकरबी पैन एम विमान दुर्घटना पर लीबिया पर मुकदमा चलाने की अमेरिका की अनुमति।
2001: शंघाई फाइव का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन कर दिया गया। भारत और पाकिस्तान को सदस्यता न देने का फैसला.
2004: इसी दिन ब्रिटेन के साथ परमाणु सहयोग को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से मंजूरी मिली थी ।
2006 : भारत और चीन ने प्राचीन रेशम मार्ग खोलने का निर्णय लिया।
2008 : ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार पराबैंगनी प्रकाश के विस्फोट का उपयोग करके विशाल तारों की स्थिति देखी।