गोला वन रेंज की पश्चिमी बीट में बीते करीब बीस दिनों पूर्व मैलानी थाना क्षेत्र के बलारपुर गांव निवासी राजेश की 12 वर्षीय बेटी जानकी खेत की मेड़ पर घास छीलने गई थी।
ग्रामीण इलाकों में बाघ की चहल कदमी, खेती किसानी प्रभावित
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / संवाददाता इंद्रजीत सिंह/बाॅकेगंज खीरी। गोला वन रेंज की पश्चिमी बीट में बीते करीब बीस दिनों पूर्व मैलानी थाना क्षेत्र के बलारपुर गांव निवासी राजेश की 12 वर्षीय बेटी जानकी खेत की मेड़ पर घास छीलने गई थी। इस वारदात के समय नाबालिक बच्चों की दादी रामरती भी पास में खड़ी थी। इसी बीच गन्ने के खेत से निकले बाघ ने बच्ची को अपना शिकार बना लिया।
जिस घटना के बाद वन विभाग में बाघ को पकड़ने के लिए उसी जगह पर पिंजरा लगवाया था। लेकिन आदमखोर बाघ को पकड़ने में अभी तक वन विभाग नाकाम रहने के बाद भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाएं। बांकेगंज के आसपास के इलाकों समेत खेत में बाघ के इस मूवमेंट से गांव के लोगों में दहशत भरी हुई है। ग्रामीण बाघ के डर से अपने खेतों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं। जिससे खेती किसानी प्रभावित होती है। घटना के दौरान वन विभाग ने बाघ को पकड़वाने का लोगों को आश्वासन भी दिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद सबकुछ ठंडे बस्ते में चला गया।
लोगों ने कहा की यदि वन विभाग इस ओर ध्यान नही देता है तो दहशत पैदा करने वाले और एक बच्ची को मौत के घाट उतारने वाले बाघ को पकड़ने में वन विभाग की कथित उदासीनता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। गांव के लोगों ने बताया कि बंजरिया मार्ग पारकर कुंवरपुर, महरताला, भूपपुर गांव आबादी में घरों के पास गन्ने के खेत में चहलकदमी करने लगा।
बलारपुर गांव में बाघ ने किशोरी पर हमला कर मार डालने के बाद भी वन विभाग की उदासीनता के कारण बाघ क्षेत्र में ही चहलकदमी कर रहा है। और बाघ को पकड़ने के लगाए गए पिंजरे में वन विभाग की नाकामी के कारण अभी भी बाघ कैद नही हो सका है।
क्या और भी छुट्टा जानवरों और मनुष्यों को बाघ के द्वारा निवाला बनाए जाने के बाद नींद से प्रशासन जागेगा। अब देखना होगा कि इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से क्या रणनीति बनती है।