भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से पूर्वांचल के सभी जिलों में कौन है सबसे बड़ा जिला , उसकी क्या है विशेषताएं ?

भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से पूर्वांचल के सभी जिलों में कौन है सबसे बड़ा जिला , उसकी क्या है विशेषताएं ?

पूर्वांचल का सबसे बड़ा जिला मऊ है। जिले की कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से पूर्वांचल के सभी जिलों में यह सबसे बड़ा है। मऊ उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसकी सीमा बिहार राज्य से भी लगती है।

भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से पूर्वांचल के सभी जिलों में कौन है सबसे बड़ा जिला , उसकी क्या है विशेषताएं ?

पूर्वांचल के जिला मऊ के बारे में एक रिपोर्ट 

मऊ जिला, उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित है और यह पूर्वांचल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण जिला है। यहाँ पर भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। नीचे मऊ जिले की विस्तृत रिपोर्ट दी गई है:

भौगोलिक स्थिति:

स्थान: मऊ जिला उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है। यह बिहार राज्य की सीमा से भी जुड़ा हुआ है।

भौगोलिक क्षेत्रफल: लगभग 4,170 वर्ग किलोमीटर (1,610 वर्ग मील)।


सीमाएँ: 

उत्तर में आजमगढ़ और गाजीपुर जिले, दक्षिण में बलिया जिला, पूर्व में बिहार राज्य और पश्चिम में अलीगढ़ जिला स्थित हैं।

जनसंख्या :  मऊ जिले की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 25 लाख के करीब थी।

जनसंख्या घनत्व : जिले में जनसंख्या घनत्व अपेक्षाकृत उच्च है।


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भौगोलिक विशेषताएँ:
जलवायु: यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जिसमें गर्मियों में अत्यधिक गर्मी और सर्दियों में ठंडक होती है। वर्षा मुख्यतः मानसून के दौरान होती है।

भूमि: यहाँ की भूमि अत्यधिक उपजाऊ है और कृषि के लिए उपयुक्त है।

मऊ का ऐतिहासिक महत्व व इतिहास:

ऐतिहासिक महत्व: मऊ का ऐतिहासिक महत्व भी है और यह क्षेत्र प्राचीन समय से ही विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों के तहत रहा है।

प्रमुख स्थल: मऊ शहर के निकट कई प्राचीन स्थल और धार्मिक स्थल भी हैं।

संस्कृति और सामाजिक जीवन:

भाषा: यहाँ की प्रमुख भाषा हिंदी है, जबकि उर्दू और भोजपुरी भी व्यापक रूप से बोली जाती हैं।

त्योहार: यहाँ के लोग विभिन्न त्यौहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जैसे कि दीपावली, होली, ईद, छठ पूजा आदि।

सांस्कृतिक विरासत: मऊ जिले की सांस्कृतिक विरासत में लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प का महत्वपूर्ण स्थान है।

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अर्थव्यवस्था

कृषि: मऊ जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर निर्भर है। यहाँ पर गेंहू, चावल, गन्ना, और दालें प्रमुख फसलें हैं।

उद्योग: जिले में औद्योगिक गतिविधियाँ सीमित हैं, लेकिन कृषि आधारित उद्योग जैसे कि मिलों और प्रसंस्करण इकाइयों का महत्व है।

शिक्षा:

शैक्षणिक संस्थान: मऊ जिले में कई सरकारी और निजी स्कूल और कॉलेज हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते हैं। इसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के संस्थान शामिल हैं।
परिवहन और संचार:

सड़क यातायात: जिले में सड़क नेटवर्क अच्छी स्थिति में है और मुख्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रेलवे: मऊ रेलवे जंक्शन भी है, जो विभिन्न प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
संचार: मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं की उपलब्धता अच्छी है, जिससे संचार में सुविधा रहती है।

प्रशासनिक विभाग:
जिला प्रशासन: मऊ जिले का प्रशासनिक प्रमुख जिलाधिकारी (DM) होता है, जो जिले के विकास, कानून व्यवस्था, और सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन का जिम्मेदार होता है।

मऊ जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है। इसके विकास और प्रशासनिक संरचना के साथ-साथ यहाँ के लोगों की जीवनशैली और संस्कृति भी इसे विशिष्ट बनाते हैं।

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