आधुनिकता की दौड़ में पुरानी धरोहर को बचाने की फिक्र बहुत कम देखने को मिलती है।उक्त विचार मां दुर्गा संस्कृत महाविद्यालय छत्रपूरा सैयदराजा चंदौली में राज्य सभा सांसद दर्शना सिंह ने कही।
टैबलेट पाते ही बच्चो के अंदर खोलकर देखने की तमन्ना हिलोरे मारने लगी
चंदौली, पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट ।आधुनिकता की दौड़ में पुरानी धरोहर को बचाने की फिक्र बहुत कम देखने को मिलती है।उक्त विचार मां दुर्गा संस्कृत महाविद्यालय छत्र पूरा सैयद राजा चंदौली में राज्य सभा सांसद श्री मती दर्शना सिंह ने कही।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा विद्यालय में मोबाइल और टैबलेट दिए जाने की योजना के अंतर्गत मुख्य अतिथि के रूप में आज BA के 12तथा MA के 15 बच्चो ने उत्तर प्रदेश राजर्षी टंडन मुक्त विश्वविद्याल में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को विवेकानंद स्कीम के तहत दिया गया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के समय 1916 में ठीक उसी दिन स्थापित होने वाला मां दुर्गा संस्कृत महाविद्यालय आज भी छोटे बच्चो को संस्कृत भाषा को सिखाने में अनवरत काम करते हुए 100वर्षो से ऊपर का समय हो गया है।इस सनातन के कार्य को किसी भगीरथ की नजर नहीं लगी।उसी समय का BHU विश्व विख्यात हो गया।लेकिन आज भी यह विद्यालय अपने उसी रूप में संस्कृत को समाज में जिंदा रखे हुए है।
छोटे छोटे बच्चो के द्वारा संस्कृत में स्वर से शुद्ध संस्कृत की भाषा ने मुझे सोचने पर विवश करदिया।क्यों न जीर्णुधार के लिए कदम बढ़ाया जाय क्यों कि यह संस्कृत महाविद्यालय मेरे ब्लाक में भी पड़ता है मेरे तरफ से जितना हो सकता है मैं करूंगी।उसी गांव के प्रधान गौतम तिवारी ने750मीटर सीसी रोड केलिए अनुरोध किए तो मुख्य अतिथि जी ने सड़क से बड़ा समाज में देव भाषा को सिखाने वाले भवन के तरफ इसारा किया कि इस काम को करना जरूरी है।
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