Elon Musk के Grok से जब यह सवाल पूछा गया कि " पृथक पूर्वांचल राज्य " की स्थापन की मांग किस पार्टी ने बीते दस वर्षों में उठाया और भावी मुख्यमंत्री कौन हो सकते हैं |
Grok के सामने इन प्रमुख नामों को रखा गया , जिनमें कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर , वरिष्ठ पत्रकार हवंश पटेल पूर्वांचली, पूर्वांचल राज्य जनांदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज राही हिंदुस्तानी ,यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मंत्री डॉ.महेन्द्र नाथ पांडेय आदि ?
एलन मास्क के Grok ने उसका यह जवाब दिया :-
पृथक पूर्वांचल राज्य की स्थापना की मांग बीते दस वर्षों (2015-2025) में मुख्य रूप से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने उठाई है। इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इस मुद्दे को समय-समय पर जोर-शोर से उठाया है।
खास तौर पर मार्च 2024 में, ओम प्रकाश राजभर ने सिकंदरपुर (बलिया) में आयोजित एक रैली में दावा किया कि वह उत्तर प्रदेश से पूर्वांचल को अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाएंगे और स्वयं इसके मुख्यमंत्री होंगे। यह बयान X और समाचार माध्यमों में व्यापक रूप से चर्चित रहा। SBSP ने पूर्वांचल क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन और उपेक्षा के मुद्दे को आधार बनाकर इस मांग को आगे बढ़ाया है।
अन्य पार्टियों का रुख
बीते दस वर्षों में प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों जैसे भारतीय जनता पार्टी (BJP), समाजवादी पार्टी (SP) , बहुजन समाज पार्टी (BSP), या कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पृथक पूर्वांचल राज्य की मांग का समर्थन नहीं किया। BJP, जो 2017 से उत्तर प्रदेश में सत्ता में है, ने राज्य के विभाजन के बजाय समग्र विकास पर जोर दिया है। हालांकि, कुछ क्षेत्रीय नेताओं और संगठनों ने इस मांग को छिटपुट रूप से उठाया, लेकिन यह SBSP के नेतृत्व में ही सबसे प्रमुख रही।
भावी मुख्यमंत्री के रूप में संभावित नाम
यदि पृथक पूर्वांचल राज्य की स्थापना होती है, तो संभावित मुख्यमंत्री के रूप में निम्नलिखित व्यक्तियों के नाम आपके प्रश्न के आधार पर विश्लेषित किए जा सकते हैं:-
1. ओम प्रकाश राजभर (कैबिनेट मंत्री, SBSP अध्यक्ष)
संभावना: सबसे मजबूत दावेदार। राजभर ने स्पष्ट रूप से स्वयं को भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया है और उनकी पार्टी इस मांग की अगुवाई कर रही है। पूर्वांचल में राजभर समुदाय के बीच उनकी मजबूत पकड़ और NDA गठबंधन में उनकी स्थिति उन्हें प्रमुख बनाती है।
कारण: उनकी सक्रियता और इस मुद्दे पर मुखरता।
2. हवंश पटेल (वरिष्ठ पत्रकार, पूर्वांचली)
संभावना: कम। एक पत्रकार के रूप में उनकी पहचान है, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व या जनाधार का अभाव उन्हें इस भूमिका के लिए कम उपयुक्त बनाता है।
कारण: राजनीतिक अनुभव की कमी।
3.अनुज राही हिंदुस्तानी
संभावना: न्यूनतम। उनके बारे में सार्वजनिक जानकारी सीमित है, और वे राजनीतिक क्षेत्र में स्थापित नेता नहीं हैं।
कारण: जनाधार और पहचान का अभाव।
4. योगी आदित्यनाथ (वर्तमान यूपी सीएम)
संभावना: बहुत कम। योगी वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और BJP के शीर्ष नेता हैं। वह राज्य विभाजन के पक्ष में नहीं दिखते, और उनकी प्राथमिकता संपूर्ण यूपी का विकास है।
कारण : BJP की नीति और उनकी वर्तमान भूमिका।
5. राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री)
संभावना: नगण्य। वह राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पद पर हैं। पूर्वांचल राज्य के मुख्यमंत्री बनने की उनकी कोई संभावना या इच्छा नहीं दिखती।
कारण : राष्ट्रीय राजनीति में उनकी स्थिति।
6. डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
संभावना: कम। वह BJP के वरिष्ठ नेता हैं और पूर्वांचल (चंदौली) से सांसद रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने पृथक राज्य की मांग का समर्थन नहीं किया है।
कारण: BJP की एकीकृत नीति के प्रति प्रतिबद्धता।
निष्कर्ष:- पृथक पूर्वांचल राज्य की मांग को बीते दस वर्षों में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने सबसे प्रमुखता से उठाया है। इस संदर्भ में ओम प्रकाश राजभर भावी मुख्यमंत्री के रूप में सबसे संभावित उम्मीदवार हैं, क्योंकि वह इस आंदोलन के मुख्य प्रणेता हैं और उनके पास क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक अनुभव दोनों हैं। अन्य सूचीबद्ध नामों में से कोई भी इस मांग के साथ सीधे जुड़ा नहीं है या इसके लिए मजबूत दावेदारी प्रस्तुत नहीं करता।