जब वाजपेयी जी ने बनाए 15 दिन में 3 राज्य और उनका 25 वर्षों का विश्लेषण

जब वाजपेयी जी ने बनाए 15 दिन में 3 राज्य और उनका 25 वर्षों का विश्लेषण

साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने शांतिपूर्वक बनाए थे 3 नए राज्य —छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड। जानिए 25 वर्षों में कितना हुआ विकास।

जब वाजपेयी जी ने बनाए 15 दिन में 3 राज्य  बनाये और उनका 25 वर्षों का विश्लेषण

अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता की वजह से जब मात्र 15 दिनों में तीन नए राज्य बने थे, आज 25 वर्षों का विकास यात्रा एक उदाहरण बना है | 

भारत के इतिहास में वर्ष 2000 को एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में याद किया जाता है। उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मात्र 15 दिनों के भीतर देश को तीन नए राज्य दिए — छत्तीसगढ़, उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तरांचल) और झारखंड।

इन राज्यों का गठन किसी संघर्ष, हिंसा या विरोध के बिना संवैधानिक प्रक्रिया के तहत किया गया। आज, जब इन राज्यों को बने 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं, तो यह ज़रूरी हो जाता है कि हम इनके विकास की यात्रा को समझें और मूल्यांकन करें कि क्या वाजपेयी जी का निर्णय सही दिशा में था।

नए राज्यों का गठन: पृष्ठभूमि और तिथि

राज्य   मूल राज्य   गठन तिथि   राजधानी

छत्तीसगढ़     मध्य प्रदेश 1 नवंबर 2000 रायपुर

उत्तराखंड   उत्तर प्रदेश 9 नवंबर 2000 देहरादून

झारखंड    बिहार 15 नवंबर 2000        रांची

इन क्षेत्रों में लंबे समय से अलग राज्य की मांग थी। भूगोल, संस्कृति और विकास की दृष्टि से ये क्षेत्र अपने मूल राज्यों से अलग थे। अटल जी ने इन मांगों को मान्यता देकर भारत के संघीय ढांचे को मजबूती प्रदान की।

राज्यवार विकास विश्लेषण (2000–2025)

1. छत्तीसगढ़: खनिज से शक्ति की ओर
उद्योग: इस्पात, सीमेंट, थर्मल पावर।

विकास की दिशा:

कोरबा और बिलासपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हुए।

‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन मिला।

चुनौतियाँ:

नक्सल प्रभावित जिलों में अब भी विकास धीमा।

आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य की पहुंच सीमित।

2. उत्तराखंड: देवभूमि से विकासभूमि तक

उद्योग: पर्यटन, जैविक खेती, आयुर्वेदिक उत्पाद।

उपलब्धियाँ:

स्वास्थ्य व शिक्षा में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन।

चारधाम यात्रा, योग नगरी ऋषिकेश व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में वृद्धि।

चुनौतियाँ:

पलायन एक बड़ी समस्या।

भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन ने मुश्किलें बढ़ाईं।

3. झारखंड: खनिज संपदा से समृद्धि की ओर संघर्ष
उद्योग: कोयला, स्टील, खनन।

उपलब्धियाँ:

खनिज आधारित निवेश में वृद्धि।

झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट और स्किल मिशन के माध्यम से युवाओं को कौशल।

चुनौतियाँ:

बार-बार की राजनीतिक अस्थिरता।

कुछ क्षेत्रों में अब भी नक्सल समस्या।

तुलनात्मक आंकड़े (2023–2024 तक)

संकेतक छत्तीसगढ़             उत्तराखंड            झारखंड
जीडीपी    (₹ लाख करोड़) 4.21   3.21                     4.02
साक्षरता दर 71%                 79.6%                       67.6%

मानव विकास सूचकांक (HDI) मध्यम उच्च मध्यम
नक्सल प्रभावित जिले 6 0 13


वाजपेयी जी की दृष्टि की प्रासंगिकता आज

लोकतांत्रिक पुनर्गठन का आदर्श उदाहरण

क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सम्मान, जिससे स्थानीय नेतृत्व और योजनाएं उभरीं।

बिना संघर्ष, शांति से राज्य निर्माण — जो आज भी एक मिसाल है।

आगे की राह: क्या किया जाना चाहिए?

✅ उत्तराखंड:
पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा।

लोकल उत्पाद (जैसे मंडुवा, झंगोरा, शहद) को ब्रांड बनाकर बाजार उपलब्ध कराना।

✅ छत्तीसगढ़:
आदिवासी छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा और रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग।

बायो एनर्जी और ग्रीन स्टील जैसे सेक्टरों में निवेश।

✅ झारखंड:
पारदर्शी शासन और खनिज राजस्व का जनहित में उपयोग।

कृषि और ग्रामीण स्टार्टअप को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष: 25 वर्षों बाद मूल्यांकन

अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा बनाया गया यह ऐतिहासिक निर्णय आज भी भारत के प्रशासनिक इतिहास में एक प्रेरक अध्याय है। तीनों राज्यों ने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार प्रगति की है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ हासिल किया जाना बाकी है। वर्तमान सरकारों को चाहिए कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को समझें, और स्थिर नेतृत्व व दीर्घकालिक योजनाओं से इन राज्यों को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बनाएं।


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अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता: जब 15 दिनों में बने थे तीन नए राज्य — 25 वर्षों का विकास यात्रा विश्लेषण" लेख पर आधारित 6 प्रश्न-उत्तर दिए गए हैं


❓ प्रश्न 1:

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए किन तीन नए राज्यों का गठन हुआ था और उनकी तिथि क्या थी?
उत्तर:

  1. छत्तीसगढ़ – 1 नवम्बर 2000

  2. उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तरांचल) – 9 नवम्बर 2000

  3. झारखंड – 15 नवम्बर 2000


❓ प्रश्न 2:

तीनों नए राज्यों के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
प्रशासनिक सुविधा, क्षेत्रीय विकास, सांस्कृतिक और भौगोलिक विशिष्टताओं को ध्यान में रखते हुए बेहतर शासन और विकास सुनिश्चित करना।


❓ प्रश्न 3:

इन तीनों राज्यों ने 25 वर्षों में किस प्रकार की प्रमुख उपलब्धियाँ हासिल की हैं?
उत्तर:

  • छत्तीसगढ़: इस्पात और बिजली उत्पादन में अग्रणी

  • उत्तराखंड: पर्यटन और प्राकृतिक संसाधनों का विकास

  • झारखंड: खनन और औद्योगिक क्षेत्र में योगदान, हालाँकि कुछ चुनौतियाँ भी बनी रहीं


❓ प्रश्न 4:

क्या इन राज्यों के गठन के समय किसी प्रकार का राजनीतिक विरोध या आंदोलन हुआ था?
उत्तर:
नहीं, इन राज्यों का गठन बिना किसी बड़े हिंसक आंदोलन या विरोध के शांतिपूर्ण तरीके से किया गया था, जो वाजपेयी जी की राजनीतिक दूरदर्शिता को दर्शाता है।


❓ प्रश्न 5:

वर्तमान में तीनों राज्यों की कुछ सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ क्या हैं?
उत्तर:

  • नक्सलवाद (विशेषकर झारखंड और छत्तीसगढ़)

  • पलायन (उत्तराखंड)

  • गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य में असमानताएँ


❓ प्रश्न 6:

इस लेख के माध्यम से हमें अटल बिहारी वाजपेयी की कौन सी विशेषता प्रमुख रूप से देखने को मिलती है?
उत्तर:
उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता, संवेदनशील प्रशासनिक सोच, और शांतिपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता



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