प्राचार्य पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, चंदौली संजय मिश्र ने बताया कि विद्यालय के पूर्व छात्र शिवम कुमार ने UPSC 2025 में 763वीं रैंक हासिल की।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |
प्राचार्य पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, चंदौली संजय मिश्र ने बताया कि विद्यालय के पूर्व छात्र शिवम कुमार ने UPSC 2025 में 763वीं रैंक हासिल की।
जनपद के लिए यह अत्यंत गर्व और खुशी का अवसर है, जब पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, चंदौली के पूर्व छात्र शिवम कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2025 में 763वीं रैंक प्राप्त कर जनपद विद्यालय और अपने परिवार का नाम रोशन किया है।
शिवम कुमार ने वर्ष 2011 में जवाहर नवोदय विद्यालय, चंदौली से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी।उन्हें दसवीं कक्षा में CBSE द्वारा "Certificate of Merit" प्रदान किया गया था। इसके बाद शिवम का चयन Dakshana Foundation के लिए हुआ, जो कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के मेधावी छात्रों को आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग प्रदान करता है।
Dakshana में चयन अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि वहाँ देशभर से हजारों नवोदय के छात्र/छात्राओं में से केवल चुनिंदा मेधावी विद्यार्थियों का ही चयन होता है। Dakshana Foundation के तहत शिवम कुमार जवाहर नवोदय विद्यालय कोट्टायम, केरल जाकर कक्षा 11वीं तथा 12वीं में JEE के लिए तैयारी की तथा 12वी के पश्चात दिल्ली कालेज आफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी. टेक. पूर्ण किया।शिवम कुमार की UPSC में सफलता उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर विद्यालय के प्राचार्य श्री संजय मिश्र ने अपनी शुभकामनाएँ देते हुए कहा: "शिवम कुमार की यह सफलता पूरे विद्यालय परिवार के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। उन्होंने छात्र जीवन से ही अपनी मेहनत, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता से सभी को प्रभावित किया।IAS जैसी कठिन परीक्षा में सफल होना जनपद और समस्त नवोदय परिवार के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
हम उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएँ देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।" शिवम की इस उपलब्धि से उनके परिवार, शिक्षकों, सहपाठियों और विद्यालय के समस्त स्टाफ में खुशी की लहर है। इस सफलता ने न केवल नवोदय विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को उजागर किया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि ग्रामीण भारत में भी अपार प्रतिभा छुपी हुई है, जिसे सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर वह देश के शीर्ष पदों तक पहुँच सकती है।