9 जुलाई के राष्ट्रीय हड़ताल को वर्कर्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच ने दिया समर्थन

9 जुलाई के राष्ट्रीय हड़ताल को वर्कर्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच ने दिया समर्थन

यू. पी. वर्कर्स फ्रंट की वर्चुअल बैठक में 9 जुलाई को देश के श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया गया। 

9 जुलाई के राष्ट्रीय हड़ताल को वर्कर्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच ने दिया समर्थन
  •  कॉर्पोरेट परस्त नीतियों ने मजदूरों से छीना सम्मानजनक जीवन 
  •  बिजली का निजीकरण राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध
  •  उत्तर प्रदेश में तत्काल हो वेज रिवीजन 
लखनऊ / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : यू. पी. वर्कर्स फ्रंट की वर्चुअल बैठक में 9 जुलाई को देश के श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया गया। बैठक में लिए प्रस्ताव में कहा गया कि कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण मजदूर वर्ग और मेहनतकश समूहों का सम्मानजनक जीवन छीन लिया गया है। पिछले 10 वर्षों में देश में अरबपतियों की संख्या बढ़ी है और आर्थिक असमानता में भी वृद्धि हुई है। हालत यह है कि ऊपर के एक प्रतिशत लोगों के पास देश की आधी से ज्यादा संपत्ति और आय है। 

आज देश के बड़े पूंजी घरानों की संपत्ति पर टैक्स लगाकर हर नागरिक के गरिमा पूर्ण जीवन को सुनिश्चित करने की मांग तेजी से उठ रही है। ऐसे में कॉर्पोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल मेहनतकश तबकों की तरफ से किया जा रहा जाने वाला लोकतांत्रिक प्रतिवाद है। जिसमें हर नागरिक को शामिल होना चाहिए और इसका समर्थन करना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण का फैसला राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है और आम जनता के गरिमापूर्ण जीवन के संवैधानिक अधिकार पर हमला है। जब-जब देश में भाजपा-आरएसएस की सरकार रही है उसने बिजली के क्षेत्र को निजी पूंजी घरानों को देने का काम किया है। प्रदेश में विद्युत परिषद का विघटन, निजीकरण का 2003 का विद्युत विधेयक अटल जी की सरकार में लाया गया और 2023 विद्युत संशोधन विधेयक मोदी सरकार द्वारा लाया गया है। 

प्रस्ताव में कहा गया कि पूरे प्रदेश में आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। मजदूरों, कर्मचारियों को उनके लोकतांत्रिक संवैधानिक अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है। प्रस्ताव में अपील की गई की इस निजीकरण के खिलाफ जारी आंदोलन को राजनीतिक और व्यापक बनाने की जरूरत है। समाज के सभी तबकों को लेकर निजीकरण विरोधी मंच का गठन किया जाना चाहिए।

बैठक में लिए प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में हालात बेहद बुरी है। कारखाना अधिनियम में संशोधन कर काम की घंटे 12 करने का आदेश जारी हो चुका है। न्यूनतम वेतन का वेज रिवीजन पिछले 6 सालों से लंबित है। इस हड़ताल में इन सवालों के साथ असंगठित मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के प्रश्नों को भी मजबूती से उठाया जाएगा। 

बैठक में मौजूद 181 वूमेन हेल्पलाइन की नेता पूजा पांडेय ने बताया कि इस सरकार में हाईकोर्ट तक के आदेश बेअसर हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 181 वूमेन हेल्पलाइन में कार्यरत महिलाओं को नौकरी पर नहीं रखा गया और पांच साल से बकाया मजदूरी नहीं दी जा रही है। बैठक में राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि 9 जुलाई को पूरे देश के कुली काला दिवस मनाएंगे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को कुलियों की रोजगार व सामाजिक सुरक्षा के संबंध में ज्ञापन भेजेंगे। 

बैठक की अध्यक्षता वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर दुर्गा प्रसाद और संचालन महामंत्री राम शंकर ने किया। बैठक में राष्ट्रीय कुली मोर्चा कोआर्डिनेटर राम सुरेश यादव, ठेका मजदूर यूनियन, सोनभद्र के जिलाध्यक्ष कृपा शंकर पनिका, मंत्री तेजधारी गुप्ता, प्रचार मंत्री मंगरु प्रसाद, मजदूर किसान मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय राय, 181 वीमेन हेल्पलाइन की पूजा पांडेय, निर्माण मजदूरों के नेता धर्मेंद्र, मोहन प्रसाद, तीर्थराज यादव आदि लोगों ने अपने विचार रखे।

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